दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के उत्तर पश्चिम जिले में ऑपरेशन क्रैकडाउन के तहत 1 से 15 दिसंबर के बीच 81 अपराधियों सहित 415 वांछित क्रिमिनल्स को गिरफ्तार किया है। यह अभियान 15 दिनों तक चलाया गया। इस ऑपरेशन में 1500 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे जिनका उद्देश्य आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाना और आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
अपराधियों पर नकेल कसने वाली दिल्ली पुलिस ने राजधानी को नशा मुक्त बनाने के लिए भी कड़े कदम उठाए है। दक्षिण रेंज पुलिस ने क्रैकडाउन के बाद ऑपरेशन गरुण शुरू किया है। इस ऑपरेशन का उद्देश्य ड्रग सिंडिकेट का खात्मा करना है ताकि युवाओं की सुरक्षा मिल सके।
ऑपरेशन गरुण के तहत एक माह के भीतर 95 गिरफ्तारी
ऑपरेशन गरुण के तहत पिछले तीन हफ्तों में नारकोटिक्स नेटवर्क पर पुलिस ने तगड़ा हमला करते हुए 1 महीने के भीतर 95 पेडलर्स और सप्लायर्स को पकड़ा है। इसके अलावा 210 किलोग्राम से अधिक गांजा और अन्य नशीले पर्दाथ जब्त किए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने अब तक 288 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है और 555 किलोग्राम बैन नशीले पर्दाथ को भी जब्त किया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त दक्षिण रेंज एस के जैन ने बताया कि ड्रग सिंडिकेट के सप्लाई चैन को तोड़ने के लिए आरोपियों से पूछताछ और खुफिया जानकारी के माध्यम से पुलिस ने आंध्र प्रदेश, बिहार और उत्तर पूर्वी राज्यों से प्रमुख आपूर्ति मांगों का पता लगाया, जिससे न केवल सड़क के पेडलर्स बल्कि प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं की भी गिरफ्तारी हुई।
ऑपरेशन गरुण कब से कब तक चला?
ऑपरेशन गरुण 26 नवंबर से 15 दिसंबर तक चलाया गया था। दरअसल, देश में ड्रग्स का नेटवर्क खत्म करने के लिए इस ऑपरेशन को शुरू किया गया है। इसकी शुरुआत सीबीआई की ओर से की गई है। नशीली दवाओं की तस्करी पर आपराधिक खुफिया जानकारी के तेजी से आदान-प्रदान के लिए ये ऑपरेशन शुरू किया गया है। इसकी सूचना मिलते ही नशे के कारोबारियों पर एक्शन लिया जा सके।
नशे के खिलाफ जागरुक करना
दक्षिणी रेंज पुलिस के ज्वाइंट सीपी संजय कुमार जैन ने बताया कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य केवल तस्करों को पकड़ना नहीं बल्कि नशे के खिलाफ लोगों को जागरुक करना है। स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में जागरुकता फैलाने के लिए ऐसे कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं ताकि युवाओं को नशे के खतरे के बारे में बताया जा सके।