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3 महीने बाद थी रिटायरमेंट, अब तिरंगे में लौटे सूबेदार मेजर पवन कुमार

पाकिस्तान के ड्रोन हमले में सूबेदार मेजर पवन कुमार शहीद हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश में राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

Subedar Major Pawan Kumar

सूबेदार मेजर पवन कुमार। (Photo Credit: Indian Army)

जम्मू और कश्मीर के पुंछ इलाके में तैनात सूबेदार मेजर पवन कुमार जरियाल, पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में शहीद हो गए। वह महज 3 महीने बाद सेना से रिटायर होने वाले थे। देश की रक्षा करते हुए उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया और पाकिस्तानी मोर्टार शेलिंग का शिकार बनए गए। शनिवार सुबह पाकिस्तान ने सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाकर जमकर गोलीबारी की थी, ड्रोन हमले किए थे, जिसका एक टुकड़ा सूबेदार मेजर पवन कुमार को लग गया, वहीं उनकी मौत हो गई थी।
 

सूबेदार मेजर पवन कुमार जरीयाल 25 पंजाब रेजिमेंट के सिपाही थे। वह हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शाहपुर इलाके से आते थे। रिटायरमेंट से 3 महीने पहले उन्होंने अपनी अंतिम पोस्टिंग के लिए सीमावर्ती इलाके को चुना था। पाकिस्तान के हमलों से देश की रक्षा करते वक्त, अपना कर्तव्य निभाते वक्त वह वीरगति को प्राप्त हुए। 

सूबेदार मेजर पवन कुमार के पिता भी गरज सिंह जरीयाल भी फौज में थे। जब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें फोन किया तो भावुक होते हुए उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा देश के काम आ गया।'

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'हम घर लौटने का इंतजार कर रहे थे, तिरंगे में आएंगे'
शहीद पवन कुमार के पिता गरज सिंह जरीयाल की उम्र 75 साल हो गई है। वह भी 25 पंजाब रेजिमेंट से हवलदार के पद से रिटायर हुए हैं। उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा 3 महीने बाद रिटायर होने वाला था। उसे अंतिम पोस्टिंग चुनने का विकल्प दिया गया था। उसने सीमावर्ती शहर में पोस्टिंग चुनी थी। हम सब इस इंतजार में थे कि वह घर लौटेगा। किसे पता था कि तिरंगे में लौटेगा।'

आखिरी बार घर पर क्या बात हुई थी?
रिटायर्ड हवलदार गरज सिंह ने कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद मैंने उससे केवल एक बार बात की थी। उसने कहा था कि वह अपने साथियों के साथ बंकर में रह रहा है।'

'एक कॉल आई और कहा शहीद हो गए सुबेदार मेजर पवन कुमार'
शहीद सूबेदार मेजर पवन कुमार अपने पीछे माता पिता, सुषमा देवी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। शहादत पर बच्चों ने क्या कहा, 'हर दिन पापा गुड मॉर्निंग मैसेज भेजते थे। अब कोई मैसेज नहीं आएगा। एक अधिकारी ने कहा कि पिता को सिर में गंभीर चोटें आई हैं, कुछ घंटे बाद एक और कॉल आई और कहा गया कि वह शहीद हो गए हैं।' उनका पार्थिव शरीर, हिमाचल प्रदेश में, उनके गांव लाया गया है।

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राजकीय सम्मान के साथ होगी अंतिम विदाई
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह सुक्खू ने कहा, 'हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत सूबेदार मेजर पवन कुमार जी देश की सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं। हिमाचल सरकार उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है। मैंने शहीद सूबेदार मेजर पवन कुमार जी के पिताजी से बात की है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सूबेदार मेजर पवन कुमार जी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाए।' 

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