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जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, क्या है मकसद?

राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्षी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है। आइए जानते हैं इस अविश्वास प्रस्ताव का नतीजा क्या निकला है।

Jagdeep Dhankar

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़। (तस्वीर-PTI)

लोकसभा में मंगलवार को इंडिया ब्लॉक की पार्टियां उपराष्ट्रपति और सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर गई हैं। भारत के संसदीय इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी मौजूदा सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया हो। यह अविश्वास प्रस्ताव राज्यसभा के महासचिव को सौंपा गया है।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कांग्रेस की अगुवाई वाले इस प्रस्ताव पर कुल 65 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। राज्यसभा में कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां अल्पमत हैं, ऐसे में राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाया गया यह प्रस्ताव खुद ही गिर जाएगा। 

अविश्वास प्रस्ताव क्यों?

कांग्रेस अगस्त से ही दावा कर रही है कि विपक्षी दलों को राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बोलने का मौका नहीं देते हैं। कुछ नेताओं ने कहा है कि विपक्षी पार्टियां जानती हैं कि इस प्रस्ताव का लोकसभा और राज्यसभा में कोई अर्थ नहीं है लेकिन यह उनका सांकेतिक विरोध है कि वे सभापति के व्यवहार से खुश नहीं हैं। जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति और सभापति दोनों बने रहेंगे। 


किन पार्टियों ने किया है हस्ताक्षर?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश और नसीर हुसैन ने राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को प्रस्ताव दिया है। कांग्रेस, आरजेडी, सीपीआई (एम), जेएमएम, आम आदमी पार्टी और डीएमके जैसी पार्टियों के सांसदों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई की मानें तो कांग्रेस ने अभी तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किया है।

दस्तखत नहीं, फिर प्रस्ताव कैसे?
संसद से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं।  कांग्रेस नेता जयराम रमेश और नसीर हुसैन ने राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को प्रस्ताव दिया है। कांग्रेस, आरजेडी, सीपीआई (एम), जेएमएम, आम आदमी पार्टी और डीएमके जैसी पार्टियों के सांसदों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई की मानें तो कांग्रेस के कई नेताओं ने अभी तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किया है।

आरोप क्या हैं?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा, 'इंडिया ग्रुप के पास कोई और विकल्प नहीं था। उपराष्ट्रपति और सभापति जगदीप धनखड़, भेदभावपूर्ण तरीके से सदन चला रहे हैं। यह बेहद कठिन निर्णय था लेकिन लोकतांत्रिक हितों के लिए हमें ऐसा करना पड़ा है।'

नोटिस को संसद के दोनों सदनों में दिया गया है। लोकसभा और राज्यसभा में पेश करते वक्त जमकर हंगामा बरपा। ससंद में बीजेपी पहले ही जॉर्ज सोरोस के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी पर हमलावर है। संसद के दोनों सदनों को आज के लिए स्थगित कर दिया गया है।



TMC की राज्यसभा सासंद सागरिका घोष ने कहा, 'उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सभी दलों ने हस्ताक्षर किए हैं। हमारे पास संख्या नहीं है लेकिन यह संदेश देने की कोशिश है। यह किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, संस्था के खिलाफ हैं।'

क्या है अविश्वास प्रस्ताव?
सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अनुच्छेद 67बी के तहत लाया जा सकता है। राज्यसभा में इसे पास करने के लिए बहुमत होना चाहिए। इसके लिए 14 दिन पहले नोटिस दिया जाना चाहिए। अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने से 14 दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य है। 

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