केंद्र सरकार ने शनिवार को 76वें गणतंत्र दिवस पद्म अवॉर्ड की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में तमाम ऐसे चेहरे हैं जो कभी भी लाइम लाइट में नहीं रहे हैं, जैसे कि 100 साल की उम्र वाले स्वतंत्रता सेनानी, फलों की खेती करने वाले किसान नोकलाक और पैरालंपियन इत्यादि।
इसके अलावा पुरस्कार जीतने वालों में हरियाणा के कैथल से पैरा आर्चर हरविंदर सिंह भी हैं जिन्हें कैथल का एकलव्य कहा जाता है। वह पैरालंपिक में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बने थे.
गोवा के फ्रीडम मूवमेंट में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली लिबियाय लोबो सरदेसाई 1955 में पुर्तगालियों के खिलाफ लोगों को तैयार करने के लिए एक अंडरग्राउंड रेडियो की स्थापना की थी।
डॉक्टर, सोशल वर्कर और किसान
इस लिस्ट में नीरजा भाटला का भी नाम है जो कि दिल्ली में रहती हैं और गायनोकॉलजिस्ट हैं। इनका सर्विकल कैंसर का पता लगाने और इसकी रोकथाम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
भोजपुर से एक सोशल वर्कर भीम सिंह भावेश को भी पद्मश्री दिया जा रहा है। यह पुरस्कार उन्हें उनके फाउंडेशन नई आशा के जरिए किए गए मुसहर कम्युनिटी के 22 सालों के काम के लिए दिया जा रहा है।
नागालैंड के एक फल की खेती करने वाले किसान एल हैंगथिंग को बाहरी फलों की खेती करने के लिए पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया है।
कुछ अन्य नाम ये हैं-
जगदीश जोशीला- पांच दशकों से निमाणी और हिंदी लेखक का काम किया।
ह्यू एंड कोलीन गैंटजर- पांच दशकों से अपने ट्रैवल जर्नलिजम के लिए मशहूर पति-पत्नी
जोनस मसेटी- ब्राजील के एक मेकैनिकल इंजीनियर जो कि बाद में हिंदू आध्यात्मिक साधु बन गए। इन्होंने भारतीय अध्यात्म, साहित्य और संस्कृति को काफी बढ़ावा दिया।
हरिमन शर्मा- बिलासपुर के सेब की खेती करने वाले किसान जिन्होंने सेब की एक ऐसी वरायटी विकसित की है जो कि समुद्र तल से 1800 फीट की ऊंचाई पर उपजाया जा सकता है।
नारेन गुरुंग- गंगटोक के लोक कलाकार जिन्होंने सिक्कमी नेपाली लोक संगीत और लोक नृत्य के संरक्षण में 60 साल समर्पित कर दिए।