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पहलगाम अटैक में पाकिस्तान का हाथ? आर्मी चीफ ने दिया था भड़काऊ भाषण

पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की कथित भूमिका भी सामने आ रही है। हाल ही में पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल असीम मुनीर ने कश्मीर को लेकर भड़काऊ भाषण दिया था।

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पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर। (Photo Credit: Social Media)

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 पर्यटकों की हत्या कर दी। आतंकियों ने यह हमला पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर बैसरन घाटी में किया। चश्मदीदों ने बताया कि आतंकियों ने आकर धर्म पूछा और फिर गोली मार दी। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंट फोर्स (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। इस हमले के पीछे पाकिस्तान की भूमिका भी सामने आ रही है।


दरअसल, आतंकियों ने यह हमला पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर की उस टिप्पणी के हफ्तेभर के अंदर किया है, जिसमें उन्होंने कश्मीर को 'गले की नस' बताया था। जनरल असीम मुनीर ने 16 अप्रैल को यह टिप्पणी की थी। इस दौरान उन्होंने कश्मीर और हिंदुओं को लेकर भड़काऊ बातें कही थीं। 


मुनीर ने कहा था, 'यह हमारे गले की नस थी, यह हमारे गले की नस है और हम इसे नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को भारतीय कब्जे के खिलाफ उनके संघर्ष में अकेला नहीं छोड़ेंगे।'

 

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क्या पाकिस्तान ने करवाया अटैक?

पहलगाम में आतंकियों ने यह हमला ऐसे वक्त किया है, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने परिवार के साथ भारत की यात्रा पर हैं। 25 साल पहले 2000 में भी जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत दौरे पर थे, तब आतंकियों ने कश्मीर के छत्तीसिंह में 35 सिखों की हत्या कर दी थी। 

 


अब पहलगाम में हुए इस हमले में पाकिस्तान की कथित भूमिका की बातें सामने आ रही हैं। जानकारों का मानना है कि यह हमला ऐसे वक्त हुआ है, जब पाकिस्तान की सेना पर जबरदस्त दबाव है। पाकिस्तानी सेना एक तरफ तहरीक-ए-तालिबान (TTP) से परेशान है तो दूसरी तरफ बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने भी उसकी नाक में दम कर रखा है। 

 

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इसका मकसद क्या हो सकता है?

ऐसे में आतंकियों ने हमला ऐसे वक्त किया है, जब जम्मू-कश्मीर में शांति है और पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। जानकारों का कहना है कि कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण पाकिस्तानी सेना पर दबाव कम करने में मदद करता है।


जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान ने हमेशा से कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की भरपूर कोशिश की है। कश्मीर में बड़ा आतंकी हमला होने से यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बन जाता है। आखिरी बार फरवरी 2019 में पुलवामा अटैक हुआ था, जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा अटैक के बाद कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण हो गया था। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटा देने के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकियों पर जबरदस्त कार्रवाई की है। हालांकि, अब फिर आतंकियों ने बड़े हमले को अंजाम देकर कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश की है।

 

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पहलगाम में आतंकियों ने कैसे किया हमला?

आतंकियों ने मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे पर्यटकों पर हमला किया था। यह हमला बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हुआ था। चश्मदीदों का कहना है कि 4-5 आतंकी आए थे, उन्होंने नाम और धर्म पूछा और फिर गोली मार दी। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई है, जिनमें से दो विदेशी हैं।

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