जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल के दिन 26 पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फोर्स (TRF) ने लिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, TRF हाफिज सईद के लश्कर-ए-तैयब का ही एक मुखौटा है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हाफिज सईद ने TRF को जम्मू कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के लिए बनाया है। भारत ने सीधे तौर पर पहलगाम हमले का जिम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया है। वहीं, पाकिस्तान इस हमले की जिम्मेदारी अपने सिर किसी भी कीमत पर नहीं लेना चाह रहा है। हालांकि, हमले की जिम्मेदारी लेने वाले TRF के कथित संस्थापक हाफिज सईद को पाकिस्तानी मिलिट्री सुरक्षा देती है। पहलगाम हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने जो हरकत की है, उससे यह साबित होता है कि उसका TRF से सीधा संबंध है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से पहलगाम हमले की निंदा की गई लेकिन उस निंदा में TRF का नाम शामिल होने से बचाने के लिए पाकिस्तान ने काफी मशक्कत की थी। एक्सपर्ट्स की मानें तो अमेरिका ने पहलगाम हमले पर बयान तैयार किया था। अमेरिका के बयान में यह बात शामिल थी कि हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली है लेकिन फिर पाकिस्तान की जिद और चीन के समर्थन से उसे हटा दिया गया। साल 2019 में हुए हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, उस समय UNSC के बयान में उसका नाम शामिल किया गया था।
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क्यों TRF को बचा रहा है पाकिस्तान?
अगर पाकिस्तान हमले में शामिल नहीं है तो उसे TRF के नाम को बचाने के लिए इतनी खींचतान करनी ही नहीं चाहिए लेकिन वह लगातार TRF के नाम को बचाने की कोशिश कर रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि पाकिस्तान ने इसलिए TRF का नाम बचाया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच रोकी जा सके। एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर TRF की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच की जाए तो उसका संबंध कहीं-न-कहीं पाकिस्तान के साथ जुड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक, UNSC के सामने पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने कहा कि द रेजिस्टेंस फोर्स का इस हमले में कोई हाथ नहीं है।
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TRF ने पीछे खींचा कदम
बीते दिनों TRF ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाया है। TRF ने कहा, यह हमला हमने नहीं कराया था। हमारे अकाउंट्स पर साइबर अटैक किया गया था, जिसकी वजह से यह गलत दावा किया गया कि पहलगाम हमले की जिम्मेदारी हमने ली है।' इससे साफ पता चलता है कि पाकिस्तान ने TRF का नाम UNSC से हटवाया और अब TRF को भी अपने दावे से पीछे हटने के लिए कहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ा ऐक्शन न लिया जा सके। खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी से बचा जा सके।