पाक की फतह-2 मिसाइल: सिरसा में कैसे रोकी गई और क्या है इसकी ताकत?
देश
• SIRSA 10 May 2025, (अपडेटेड 10 May 2025, 12:05 PM IST)
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है। पाकिस्तान ने हरियाणा के सिरसा में फतह- 2 मिसाइल लॉन्च किया लेकिन भारतीय एयर डिफेंस ने उसे निष्क्रय कर दिया।

फतह-2 मिसाइल, Photo Credit: PTI
पाकिस्तान ने हरियाणा के सिरसा को निशाना बनाकर फतह-2 मिसाइल दागी थी लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने इसे हवा में ही नष्ट कर दिया। भारत का डिफेंस सिस्टम बहुत ही उन्नत है और दुश्मन की मिसाइलों को ट्रैक करके उन्हें मार गिरा सकता है, जिसमें बराक-8 जैसी मिसाइलें शामिल हैं। भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने मिसाइल को रडार से ट्रैक किया और फिर इसे हवा में ही नष्ट कर दिया। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि भारत के पिनाका रॉकेट लॉन्चर या बराक-8 सिस्टम ने इसे निष्क्रय किया। बता दें कि इस हमले में कोई नुकसान या हताहत नहीं हुआ। सिरसा में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई ताकि कोई खतरा न हो।
फतह-2 मिसाइल क्या है?
फतह-2 (Fateh-II) एक लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे पाकिस्तान ने विकसित किया है। इसे सतह से सतह पर मार करने के लिए डिजाइन किया गया है, यानी इसे जमीन से लॉन्च करके जमीन पर ही किसी टारगेट को निशाना बनाया जाता है। यह मिसाइल हाइपरसोनिक कैटेगरी की है, जिसका मतलब है कि यह बहुत तेज स्पीड से उड़ती है और इसे रोकना मुश्किल हो सकता है।
VIDEO | India-Pakistan tensions: Debris of an unidentified object found in Sirsa, Haryana.
— Press Trust of India (@PTI_News) May 10, 2025
(Disclaimer: Deferred Visuals by unspecified time)#IndiaPakistan #IndiaPakistanTensions pic.twitter.com/1BqeuFXnMs
फतह-2 की खास बातें
रेंज- फतह-2 मिसाइल 400 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है। इसका मतलब यह भारत के कई शहरों को निशाना बना सकती है, खासकर सीमा के पास वाले इलाकों को।
सटीकता: यह मिसाइल गाइडेड होती है, यानी इसे कंप्यूटर और सेंसर की मदद से सटीक निशाने पर भेजा जा सकता है। इसे युद्ध के मैदान में सटीक हमले के लिए बनाया गया है।
मारक क्षमता: यह मिसाइल भारी विस्फोटक ले जा सकती है, जो बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकती है। यह सैन्य ठिकानों, हवाई अड्डों या शहरों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।
तुलना: इसे अमेरिका के HIMARS या चीन के PHL-सीरीज रॉकेट सिस्टम जैसी आधुनिक मिसाइलों से तुलना की जाती है।
उत्पत्ति: कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, फतह-2 को ईरान की तकनीक की मदद से तैयार किया गया है। यह फतह-1 मिसाइल का एडवांस वर्जन है।
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फतह-1 मिसाइल से कितना एडवांस फतह 2
फतह-1 और फतह-2 मिसाइलें पाकिस्तान द्वारा विकसित सतह-से-सतह बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जो युद्ध के मैदान में रणनीतिक हमलों के लिए डिजाइन की गई हैं।
रेंज
फतह-1: इसकी रेंज 70 से 100 किलोमीटर तक है। यह छोटे और मध्यम दूरी के लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए बनाई गई थी।
फतह-2: इसकी रेंज 400 किलोमीटर तक है। यह फतह-1 से कहीं अधिक दूरी तक मार कर सकती है, जिससे यह भारत के ज्यादा गहरे इलाकों को निशाना बना सकती है।
तकनीक
फतह-1: यह एक गाइडेड रॉकेट सिस्टम है, जो सटीक निशाना लगाने में सक्षम है लेकिन इसकी स्पीड और तकनीक फतह-2 की तुलना में कम उन्नत है।
फतह-2: यह हाइपरसोनिक मिसाइल है, यानी यह बहुत तेज गति से उड़ सकती है। यह इसे रक्षा प्रणालियों को चकमा देने में ज्यादा प्रभावी बनाती है। साथ ही, इसमें बेहतर गाइडेंस
सिस्टम (जैसे सैटेलाइट या GPS) है, जो इसे और सटीक बनाता है।
मारक क्षमता (पेलोड)
फतह-1: यह 400-500 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकती है। यह सैन्य ठिकानों या छोटे लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए पर्याप्त है।
फतह-2: यह भी समान या थोड़ा ज़्यादा विस्फोटक ले जा सकती है लेकिन इसकी उन्नत तकनीक के कारण यह बड़े और ज्यादा सुरक्षित लक्ष्यों (जैसे बंकर या हवाई अड्डे) को निशाना बनाने में अधिक प्रभावी है।
गति और रक्षा प्रणालियों को चकमा देने की क्षमता
फतह-1: इसकी स्पीड हाइपरसोनिक से कम है, जिसके कारण इसे आधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों (जैसे भारत की बराक-8 या S-400) से रोकना आसान हो सकता है।
फतह-2: हाइपरसोनिक गति और बेहतर गाइडेंस सिस्टम के कारण यह रक्षा प्रणालियों को चकमा देने में सक्षम है। हालांकि, सिरसा में इसे भारत ने नष्ट कर दिया, जो भारत की रक्षा प्रणाली की ताकत दिखाता है।
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उपयोग का उद्देश्य
फतह-1: इसे मुख्य रूप से सीमा के पास छोटे सैन्य ठिकानों, जैसे टैंक, सैन्य शिविर या गोदामों को निशाना बनाने के लिए बनाया गया था।
फतह-2: इसका इस्तेमाल बड़े और ज्यादा महत्वपूर्ण लक्ष्यों, जैसे शहरों, हवाई अड्डों या रणनीतिक सैन्य अड्डों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।
विकास और उत्पत्ति
फतह-1: यह पाकिस्तान का शुरुआती रॉकेट सिस्टम था, जिसे ईरान की तकनीक (खासकर फतह-110 मिसाइल) की मदद से विकसित किया गया। इसे 2020 में पहली बार टेस्ट किया गया।
फतह-2: यह फतह-1 का उन्नत संस्करण है, जिसमें ज्यादा रेंज, बेहतर गाइडेंस और हाइपरसोनिक तकनीक जोड़ी गई। इसे 2024-2025 के आसपास और उन्नत किया गया।
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