प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का उद्घाटन किया है। यह महोत्सव 4 से 9 जनवरी तक चलेगा। महोत्सव की थीम 'विकसित भारत 2047 के लिए एक लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण' है। इस कैंपेन का आदर्श वाक्य 'गांव बढ़े, तो देश बढ़े' है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन के बाद कहा, 'अभी कुछ दिन पहले ही देश में एक बहुत बड़ा सर्वेक्षण हुआ और इस सर्वेक्षण में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। 2011 की तुलना में अब गांव के लोगों की क्रय शक्ति लगभग 3 गुना बढ़ गई है, यानि गांव के लोग पहले से ज्यादा खर्च कर रहे हैं।'
'ग्रामीण इलाकों में घटा खाने पर खर्च'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'पहले स्थिति ऐसी थी कि गांव के लोगों को अपनी आय का 50% से ज्यादा हिस्सा खाने पर खर्च करना पड़ता था लेकिन आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि ग्रामीण इलाकों में भी खाने पर होने वाला खर्च 50% तक कम हो गया है और जरूरत की चीजें खरीदने की खर्च क्षमता बढ़ गई है।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'दुनिया में DAP का दाम बढ़ रहा है, आसमान छू रहा है, लेकिन हमने निर्णय किया कि हम किसान के सिर पर बोझ नहीं आने देंगे और सब्सिडी बढ़ाकर DAP का दाम स्थिर रखा है। हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं।'
'गांव में जीवन आसान बनाने की जरूरत'
प्रधानमंत्री ने कहा, '2014 से ही मैं लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगा हूं। गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया।'
'गांव के लिए नीति बना रही सरकार'
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'गांव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं। दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने 'पीएम फसल बीमा योजना' को एक वर्ष अधिक तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है।'
किन योजनाओं का पीएम ने किया जिक्र?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'कृषि के अलावा भी हमारे गांव में अलग अलग तरह के पारंपरिक कला और कौशल से जुड़े हुए कितने ही लोग काम करते हैं। रूरल इकोनॉमी और लोकल इकोनॉमी में इनका बड़ा योगदान रहा है, लेकिन पहले इनकी भी उपेक्षा हुई। अब हम उनके लिए पीएम विश्वकर्मा योजना चला रहा हैं। ये योजना देश के लाखों विश्वकर्मा साथियों को आगे बढ़ने का मौका दे रही है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अभी कल ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट आई है, जिसके अनुसार 2012 में भारत में ग्रामीण गरीबी करीब 26 प्रतिशत थी। जबकि 2024 में भारत में ग्रामीण गरीबी घटकर 5 प्रतिशत से भी कम हो गई है।'
विरोधी सरकारों पर कसा तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'ये सब काम पहले की सरकारों में भी तो हो सकते थे। मोदी का इंतजार करना पड़ा क्या? आज़ादी के दशकों बाद भी हमारे देश के गांव बुनियादी जरूरतों से वंचित थे। SC, ST और OBC की ज्यादातर आबादी गांवों में रहती है। दुर्भाग्य से पिछली सरकारों ने उनकी जरूरतों को नजरअंदाज किया। लेकिन मोदी इन गांवों को सशक्त बना रहे हैं और उन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो पहले उपेक्षित थे।'