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जिनको जनता ने नकारा, वे अपने साथियों की बात भी नकार देते हैं: PM मोदी

राजधानी दिल्ली में संसद सत्र शुरू होने से ठीक पहले पीएम मोदी ने विपक्षियों पर तंज कसते हुए कहा है कि जिन्हें जनता बार-बार नकार रही है वे अपने साथियों की बात भी नहीं सुनते।

PM Narendra Modi outside parliament

संसद के बाहर मीडिया को संबोधित करते PM मोदी, Image Source: BJP X Handle

संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को नसीहत देते हुए तंज भी कसा है। महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने सोमवार को संसद के बाहर कहा कि जिनको जनता बार-बार नकार रही है, वे लोग अपने ही साथियों की बात भी नकार देते हैं। उन्होंने सभी सांसदों से अपील की है कि वे संसद के सत्र में हिस्सा लें और चर्चा में अपना योगदान दें। आज शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद में हुड़दंगबाजी करते हैं और इस तरह से संसद को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं।

 

पीएम मोदी ने संसद का सत्र शुरू होने से ठीक पहले संसद भवन के बाहर कहा, 'मैं बार-बार विपक्ष के साथियों से आग्रह करता रहा हूं और कुछ विपक्षी साथी भी चाहते हैं कि सदन में सुचारू रूप से काम हो लेकिन जिनको जनता ने लगातार नकारा है, वे अपने साथियों की बात को भी नकार देते हैं और उनकी एवं लोकतंत्र की भावनाओं का अनादर करते हैं।' संसद में होने वाले हंगामों को लेकर पीएम मोदी ने कहा, 'दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को भी मुट्ठीभर लोगों की हुड़दंगबाजी से संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है।

'माहौल शीत ही रहेगा'

 

संसद भवन पहुंचे पीएम मोदी ने इस सत्र के बारे में कहा, 'शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा। 2024 का ये अंतिम कालखंड चल रहा है, देश उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा हुआ है। संसद का ये सत्र अनेक प्रकार से विशेष है। सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्ज्वल अवसर है।

 

उन्होंने आगे कहा, 'कल संविधान सदन में सब मिलकर संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव की शुरुआत करेंगे। संविधान निर्माताओं ने संविधान का निर्माण करते समय एक एक बिंदु पर बहुत विस्तार से बहस की है और तब जाकर ऐसा उत्तम दस्तावेज हमें प्राप्त हुआ है। हमारे संविधान की महत्वपूर्ण इकाई हैं - संसद और हमारे सांसद। पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा हो, ज्यादा से ज्यादा लोग चर्चा में अपना योगदान दें।'

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