logo

ट्रेंडिंग:

'मेरे अधिकारों का हनन है', राहुल गांधी अपने किन अधिकारों की कर रहे बात

विपक्ष के नेता होने के नेता कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पास कुछ शक्तियां हैं। इसमें प्रमुख पदों पर नौकरशाहों की नियुक्ति शामिल है। जानें विपक्ष के नेता की शक्तियों के बारे में सबकुछ।

Rahul Gandhi LOP powers

राहुल गांधी, Image Credit: PTI

संभल में हिंसा वाले इलाके में जाने के लिए बुधवार (4 नवंबर) को जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी दिल्ली से रवाना हुए तो उन्हें नहीं पता था कि उनका काफिले को गाजीपुर बॉर्डर पर ही रोक लिया जाएगा। गहमागहमी के बीच वह अपनी बहन और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ वापस दिल्ली लौट आए। जिद पर अड़े राहुल गांधी को बस संभल जाना था लेकिन पुलिस-प्रशासन ने पूरा रास्ता बंद रखा था। सीनियर अफसरों से बात करने के बावजूद उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई।

'राहुल गांधी के अधिकारों का हनन'

इस बीच गाजीपुर बॉर्डर पर राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत की और कहा, 'मैं संभल जाना चाहता हूं, मुझे जाने नहीं दिया जा रहा है। मैं विपक्ष का नेता हूं। यह मेरे अधिकारों का हनन है। मुझे बोल रहे हैं कि कुछ दिन बाद आपको जाने दिया जा सकता है। मैंने अकेले जाने के बात की तो भी मुझे अकेले भी नहीं जाने दिया जा रहा है।'

 

लोकसभा विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जब यह कहा कि उनके अधिकारों का हनन हुआ हैं तो इससे आप क्या समझें? असल में एक एलओपी होने के नाते राहुल गांधी को कितनी पावर हैं? आइये समझते है इसे विस्तार से कि एक लोकसभा विपक्ष के नेता के पास कितने अधिकार होते हैं और वो क्यों सदन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता हैं?

10 साल बाद चुना गया विपक्ष का नेता

10 साल बाद, लोकसभा में विपक्ष का नेता (LOP) चुना गया। 2014 और 2019 में लोकसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस इस पद पर दावा नहीं कर सकी क्योंकि निचले सदन में कुल सीटों में से उनके पास 10 प्रतिशत से भी कम सीटें थीं। 543 सदस्यीय लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद पर दावा करने के लिए विपक्षी दल को कम से कम 55 सीटों की आवश्यकता होती है। 

 

अब 2024 के लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीतकर बेहतर प्रदर्शन के साथ, कांग्रेस ने देश में प्रमुख विपक्ष की भूमिका का दावा किया जिसके बाद लोकसभा के विपक्ष नेता बनकर उभरें राहुल गांधी। विपक्ष के नेता राहुल गांधी को कुछ शक्तियां प्रदान की गई है जिसमें प्रमुख पदों पर नौकरशाहों की नियुक्ति भी शामिल है।

विपक्ष का नेता किसे कहते हैं? 

वेतन और भत्ते अधिनियम, 1977 के तहत संसद में विपक्ष के नेताओं को मान्यता प्राप्त है। बता दें कि विपक्ष का नेता एक वैधानिक पद है जो सरकार के विरोध में सबसे अधिक संख्या बल वाली पार्टी का नेतृत्व करता है। 

क्या है रोल?

विपक्ष के नेता संसदीय कार्यवाही में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सत्तारूढ़ सरकार पर आवश्यक नियंत्रण और संतुलन प्रदान करते हैं।  विपक्ष के नेता को अक्सर 'शैडो प्रधानमंत्री' माना जाता है। वे एक 'शैडो कैबिनेट' बनाते हैं जो विपक्षी सदस्यों का एक समूह होता है जो सरकार के मंत्रिमंडल की भूमिकाओं को दर्शाता है। यह छाया मंत्रिमंडल मौजूदा सरकार के गिरने पर सरकार को संभालने के लिए तैयार रहता है।

क्या होती हैं शक्तियां?

विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी प्रमुख नौकरशाहों की नियुक्ति में अपनी बात रख सकते हैं। उन्हें पब्लिक अकाउंट, पब्लिक अंडरटेकिंग कई संयुक्त संसदीय समितियों आदि सहित महत्वपूर्ण समितियों का सदस्य होने का अधिकार है।

 

वह केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग, केंद्रीय जांच ब्यूरो, भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और लोकपाल जैसे वैधानिक निकायों के प्रमुखों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार विभिन्न चयन समितियों का सदस्य होने का भी हक रखते हैं। 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap