लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पुणे जिला अदालत में यह दावा किया कि उनकी जान को गंभीर खतरा है। यह बयान उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के अपमान मामले में चल रही सुनवाई के दौरान दिया। यह मामला पुणे निवासी सत्याकी सावरकर द्वारा दायर मानहानि याचिका से जुड़ा है। राहुल गांधी के वकीलों ने अदालत को बताया कि उन्हें पहले भी कुछ सांसदों की ओर से धमकियां मिल चुकी हैं। उनकी ओर से आरोप लगाया गया कि बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने उन्हें धमकी दी थी, जबकि केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने उन्हें ‘देश का नंबर-1 आतंकी’ कहा था।
राहुल गांधी ने विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट से आग्रह किया कि उनकी सुरक्षा संबंधी चिंताओं और निष्पक्ष सुनवाई की आवश्यकता पर संज्ञान लिया जाए। उन्होंने तर्क दिया कि मौजूदा राजनीतिक माहौल और हाल के राजनीतिक विवादों के कारण खतरा बढ़ गया है। साथ ही, शिकायतकर्ता की पारिवारिक पृष्ठभूमि को भी उन्होंने इस आशंका का एक अहम कारण बताया।
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बीजेपी नेता पर आरोप
राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने अदालत में एक अर्ज़ी दाखिल कर दो अलग-अलग धमकियों का हवाला दिया। पहली धमकी केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के बयान से जुड़ी थी, जबकि दूसरी बीजेपी नेता तरविंदर सिंह मारवाह के बयान से संबंधित थी। वकीलों का कहना था कि दिल्ली की मौजूदा स्थिति को देखते हुए खतरा और बढ़ गया है, इसलिए सुनवाई के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए और माहौल निष्पक्ष रखा जाना चाहिए।
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10 सितंबर को सुनवाई
अदालत ने राहुल गांधी की अर्ज़ी स्वीकार कर ली है और अगली सुनवाई की तारीख 10 सितंबर तय की है। इस दिन अदालत यह विचार करेगी कि आगे की कार्यवाही के दौरान उनकी सुरक्षा और आशंकाओं पर क्या कदम उठाए जाएं। कांग्रेस पार्टी ने भी इस मुद्दे को गंभीर बताया और कहा कि राजनीतिक मतभेदों से परे सभी नेताओं की सुरक्षा सर्वोच्च होनी चाहिए। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘राजनीतिक नाटक’ करार दिया। आने वाले दिनों में यह मामला कानूनी बहस के साथ-साथ राजनीतिक विवाद का भी केंद्र बन सकता है।