कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई 'मेक इन इंडिया' पहल को लेकर सवाल उठाया। कांग्रेस सांसद ने पीएम मोदी की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वह देश की आर्थिक चुनौतियों का समाधान निकालने की बजाय नारे लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2014 में बड़े वादों के साथ शुरू की गई मेक इन इंडिया योजना से न तो देश में कारखानों की बाढ़ आई, न ही युवाओं को रोजगार मिला। उल्टा, देश की विनिर्माण क्षमता घटकर अब सिर्फ 14% रह गई है और युवाओं में बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर पर है।
देश में कारखाने लगाने का वादा किया
राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मेक इन इंडिया ने देश में बड़े पैमाने पर कारखाने लगाने का वादा किया था। अगर ऐसा हो तो, फिर देश में मैन्युफैक्चरिंग रिकॉर्ड निचले स्तर पर क्यों है? युवा बेरोजगारी रिकॉर्ड उच्च स्तर पर क्यों है और चीन से आयात दोगुने से अधिक क्यों हो गया है? मोदी जी ने समाधान नहीं, बल्कि नारों की कला में महारत हासिल की है। 2014 से विनिर्माण हमारी अर्थव्यवस्था का 14% तक गिर गया है।'
देश के उद्योग की अनदेखी
उन्होंने कहा कि 2014 में जब मेक इन इंडिया शुरू हुआ तो उसके बाद मैन्युफैक्चरिंग देश की अर्थव्यवस्था का केवल 14% रह गया है। उन्होंने चीन से आयात में तेजी से बढ़ोतरी बताते हुए केंद्र सरकार पर आकर्षक नारों के लिए देश के उद्योग की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
युवाओं को अवसर नहीं मिल रहा
लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने दिल्ली के नेहरू प्लेस में दो युवकों शिवम और सैफ के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि ये दोनों कुशल, प्रतिभाशाली और मेहनती युवा हैं, लेकिन उन्हें अपने सपनों को पूरा करने का अवसर नहीं मिल पा रहा। राहुल गांधी ने कहा, 'हम सिर्फ असेंबल करते हैं, बाहर से सामान मंगवाते हैं लेकिन असली निर्माण नहीं करते। चीन मुनाफा कमा रहा है और हमारे युवा पीछे छूट रहे हैं।'
उन्होंने भारत की वर्तमान आर्थिक नीति को असंतुलित और अवसरहीन करार दिया। राहुल ने बताया कि 2014 से अब तक विनिर्माण क्षेत्र का योगदान गिरकर 14% रह गया है, जो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चीन से आयात पिछले वर्षों में दोगुना हो गया है, जिससे देश के छोटे उद्योगों पर सीधा असर पड़ा है।
PLI स्कीम भी चुपचाप बंद हो रही है- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सरकार की उद्योग नीति पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पास अब कोई नया विचार नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि जिस पीएलआई योजना (Production Linked Incentive) की खूब चर्चा की गई थी, उसे अब धीरे-धीरे चुपचाप खत्म किया जा रहा है। मोदी जी ने अब भारतीय उद्योगों को बढ़ाने की उम्मीद ही छोड़ दी है।
उन्होंने कहा कि हमें दूसरों के लिए बाजार बनना बंद करना चाहिए। अगर हम यहां निर्माण नहीं करते हैं, तो हम उन लोगों से खरीदते रहेंगे जो करते हैं। समय बीत रहा है।