logo

ट्रेंडिंग:

जहां हुआ था शिमला समझौता, उस ऐतिहासिक 'हिमाचल राजभवन' की कहानी क्या?

भारत और पाकिस्तान ने जिस हिमाचल राजनभवन में शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किया था उसकी कहानी क्या है? टेबल से हटा दिया गया पाकिस्तान का झंडा।

Pakistan flag removed from himachal Raj Bhawan table

हिमाचल राजभवन, Photo Credit: PTI

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए, जैसे सिंधु जल संधि निलंबन, अटारी-वाघा सीमा बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, और राजनयिक संबंध कम करना। भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अहम फैसले लिए जिसमें से एक शिमला समझौते को निलंबन करना है। 24 अप्रैल को पाकिस्तान ने 1972 के शिमला समझौते को निलंबित करने की घोषणा की। यह समझौता हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित एक ऐतिहासिक इमारत में हुआ था। हिमाचल राजभवन वह स्थान है जहां 3 जुलाई, 1972 को भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता पर हस्ताक्षर हुए थे।

 

सुर्खियों में क्यों हिमाचल भवन?

यह समझौता 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और बांग्लादेश की स्थापना के बाद दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने का एक महत्वपू्र्ण कदम था। इस समय हिमाचल राजभवन सुर्खियों में बना हुआ है। दरअसल, जिस टेबल पर तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किया था उस टेबल से पाकिस्तान का झंडा हटा दिया गया है। हालांकि, राजभवन ने कहा कि इसे ढाई महीने पहले हटाया था। ऐसे में हिमाचल राजभवन की कहानी सिर्फ इस समझौते तक सीमित नहीं है, इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत इसे और भी खास बनाती है।

 

यह भी पढ़ें: पहलगाम हमले में इंटरनेशनल जांच क्यों चाहता है पाकिस्तान? वजह समझिए

क्यों कहा जात था बर्न्स हाउस?

हिमाचल राजभवन मूल रूप से 19वीं सदी में ब्रिटिश उपनिवेशकाल में बनाया गया था। इसे लॉर्ड विलियम बर्न्स (पंजाब के तत्कालीन गवर्नर) के लिए एक निजी आवास के रूप में डिजाइन किया गया था, इसलिए इसे बर्न्स हाउस कहा जाता था। यह इमारत शिमला के ऑब्जर्वेटरी हिल पर स्थित है। ब्रिटिश काल में यह उच्च अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान था, जहां सामाजिक और प्रशासनिक गतिविधियां होती थीं। 

 

भारत की स्वतंत्रता के बाद, यह इमारत पंजाब के राज्यपालों के लिए आधिकारिक आवास बन गई। 1966 में हिमाचल प्रदेश के गठन के बाद, इसे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का आधिकारिक निवास (राजभवन) बनाया गया। इसका नाम बदलकर हिमाचल राजभवन रखा गया। हिमाचल राजभवन की सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना 1972 का शिमला समझौता है। तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने शिमला में मुलाकात की।


यह भी पढ़ें: 'गला काट देंगे' पाकिस्तानी अधिकारी ने किया इशारा, लंदन में मचा बवाल

हिमाचल राजभवन का ड्यूरंड हॉल

28 जून से 3 जुलाई, 1972 तक चली वार्ता के बाद हिमाचल राजभवन में शिमला समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। यह समझौता हिमाचल राजभवन के डाइनिंग हॉल में हुआ, जो आज भी इस ऐतिहासिक घटना की याद दिलाता है। हिमाचल राजभवन का ड्यूरंड हॉल वह स्थान है जहां शिमला समझौते की वार्ता हुई। इस हॉल में आज भी उस समय की तस्वीरें और दस्तावेज लगी हुई हैं। आज हिमाचल राजभवन हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का आधिकारिक निवास है। यह सामान्य जनता के लिए पूरी तरह खुला नहीं है लेकिन विशेष अनुमति के साथ इसका दौरा किया जा सकता है।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap