राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास नहीं रहें। बुधवार को उनका निधन हो गया। सत्येंद्र दास 80 साल के थे और काफी वक्त से बीमार थे। उन्होंने लखनऊ के पीजीआई में आखिरी सांस ली।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, आचार्य सत्येंद्र दास ने बुधवार सुबह लखनऊ PGI अस्पताल में आखिरी सांस ली। 3 फरवरी को स्ट्रोक के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल के न्यूरोलॉजी वार्ड में HDU में भर्ती कराया गया था।
सत्येंद्र दास के शिष्य प्रदीप दास ने मीडिया को बताया कि उनका पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सत्येंद्र दास ने सुबह 8 बजे आखिरी सांस ली। सत्येंद्र दास का अंतिम संस्कार गुरुवार को अयोध्या में सरयू नदी के किनारे किया जाएगा।
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सीएम योगी ने जताया दुख
सत्येंद्र दास के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन दुखद और आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान दें।'
1992 में बने थे राम मंदिर के मुख्य पुजारी
सत्येंद्र दास का जन्म 20 मई 1945 को संत कबीरनगर जिले में हुआ था। 1958 में उन्होंने घर छोड़ दिया और अयोध्या आ गए। अयोध्या में अभिराम दास के आश्रम में आने के बाद सत्येंद्र दास ने संस्कृत की पढ़ाई की। 1975 में उन्होंने संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री ली। 1 मार्च 1992 को सत्येंद्र दास को राम मंदिर का मुख्य पुजारी नियुक्त किया गया। 22 जनवरी 2024 को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी सत्येंद्र दास ही मुख्य पुजारी रहे।