राज्यसभा में कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास नोटों का एक बंडल मिला है। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे लेकर कहा है कि यह गंभीर विषय है, इसकी जांच कराएंगे। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू से लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद मनोज तिवारी तक नोट मिलने के मुद्दे को गंभीर बता रहे हैं और इसकी जांच चाहते हैं।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा है, 'कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट पर नोटों के बंडल मिले हैं। उनकी सीट संख्या 222 है। वहीं से कैश बरामद हुए हैं। सुरक्षाकर्मियों ने इन नोटों को बरामद किया है। यह गंभीर मुद्दा है, जिसकी जांच जारी है। नोटों के बंडल में 500 के लगभग 100 नोट हैं। नोट असली हैं या नकली, इस बारे में भी जानकारी नहीं है।'
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान के बाद से ही सदन में हंगामा बरपा है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने तो यहां तक कह दिया कि सारे नोट क्यों कांग्रेस नेताओं के पास ही पाए जाते हैं। उनके भ्रष्टचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने हैरानी जताई और कहा कि वे तो केवल 500 रुपये लेकर जाते हैं, जांच कराइए। उन्होंने कहा कि वे सदन में 3 मिनट ही रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि बिना जांच के अभिषेक मनु सिंघवी का नाम सार्वजनिक करना गलत है। अब सवाल ये उठता है कि क्या कैश लेकर जाना सदन में अपराध है, आइए समझते हैं।
क्या संसद में कैश लेकर जाना अपराध है?
सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता और संवैधानिक मामलों के जानकार अधिवक्ता सौरभ शर्मा बताते हैं कि संसद में कैश लेकर जाना अपराध नहीं है। आयकर अधिनियम के मुताबिक कितना कैश रख सकते हैं इसकी कोई सीमा नहीं है। अगर आपके पास पाए गए कैश का सोर्स कानूनी तौर पर वैध है तो आप किसी भी सीमा तक कैश रख सकते हैं। संसद की आचार समिति ने भी कैश को लेकर कोई सीमा नहीं तय की है।
एडवोकेट सौरभ बताते हैं कि संसद की संसदीय प्रक्रिया की नियम पुस्तिका में यह कहीं नहीं लिखा है कि एक सासंद कितना कैश लेकर संसद आ सकता है या अपने पास रख सकता है। संसद भवन में ही एटीएम भी है। किसी सांसद को अगर जरूरत पड़ती है तो वह अपने साथ कैश रखेगा ही। यह कहीं से भी असंवैधानिक नजर नहीं आ रहा है। कैश को लेकर नियमाली में कोई सीमा नहीं तय की गई है। अगर आप वैध स्रोत से कुछ अर्जित करते हैं तो कितना भी कैश आप रख सकते हैं।
एडवोकेट सौरभ शर्मा बताते हैं चुनाव की स्थिति में आप 50 हजार रुपये कैश लेकर जा सकते हैं। अगर कैश रखने का सही कारण हो तो आप अधिकारियों को इसकी सूचना दे सकते हैं। वह भी अवैध नहीं माना जाएगा। ऐसे में किसी सासंद के पास संसद में 50 हजार या 1 लाख रुपये भी पाए जाएं तो यह कानूनी अपराध नहीं है।