• NEW DELHI 29 Nov 2024, (अपडेटेड 29 Nov 2024, 2:20 PM IST)
संभल में हुए विवाद के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट फिलहाल कोई कार्यवाही न करे। इस मामले में अगली सुनवाई जनवरी 2025 में होगी।
उत्तर प्रदेश के संभल में जारी शाही मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक शाही ईदगाह कमेटी हाई कोर्ट का रुख न कर ले तब तक निचली अदालत कोई कार्यवाही न करे। हाल ही में हुए सर्वे के बारे में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस सर्वे की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखा जाए। इसी सर्वे को लेकर हाल में विवाद हुआ था और इसी विवाद के बाद जमकर हिंसा भी हुई थी। हिंसक घटनाओं में अब तक 4 लोगों की जान जा चुकी है और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। अब उत्तर प्रदेश की पुलिस उपद्रवियों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई भी कर रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 6 जनवरी 2025 को होगी।
इस फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ट्रायल कोर्ट कोई फैसला नहीं कर सकती है। दूसरी तरफ, इस मामले में आज संभल कोर्ट में भी सुनवाई हुई और आज ही सर्वे की रिपोर्ट भी पेश की जानी थी। हालांकि, कोर्ट कमिश्नर यह कहते हुए अदालत से 10 दिन का समय मांग लिया कि अभी सर्वे रिपोर्ट पूरी नहीं हुई है। रिपोर्ट के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसे सीलबंद लिफाफे में ही रखा जाए यानी इसे अभी के लिए सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
इस फैसले के मुताबिक, संभल की जामा मस्जिद का प्रबंधन देखने वाली कमेटी अब ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकती है। जब तक वह हाई कोर्ट में अपनी अपील दायर नहीं कर लेती, तब तक निचली अदालत इस मामले में आगे नहीं बढ़ सकती है। इसका असर यह होगा कि जो सर्वे की रिपोर्ट है उसके हिसाब से इस मस्जिद की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा।
Supreme Court orders the trial court to not proceed with the case till the Shahi Idgah committee of Sambhal mosque moves the High Court. pic.twitter.com/TEURMPTGq4
इस मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नजराज पेश हुए। वहीं, मस्जिद कमेटी की ओर से वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी पेश हुए। इ मामले पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सुनवाई की। जस्टिस संजीव खन्ना ने हिंसक घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा, 'शांति और सद्भाव बना रहना चाहिए। हम नहीं चाहते कि कुछ और हो। हमें पूरी तरह से निष्पक्ष और तटस्थ रहना होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कुछ भी गलत न हो।'
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि मस्जिद कमेटी जब अपनी याचिका दायर करे तो उसे तीन दिन के भीतर हाई कोर्ट में लिस्ट किया जाए।
संभल में क्या हुआ था?
दरअसल, कुछ वकीलों ने संभल की निचली अदालत में याचिका दायर करके अपील की थी कि संभल की शाही जामा मस्जिद जहां है, वहां पहले हरिहर मंदिर था। याचिकाकर्ताओं की अपील थी कि उनके इस दावे की पुष्टि करने के लिए सर्वे करवाया जाए। निचली अदालत ने आनन-फानन में इस याचिका को स्वीकार किया, उस पर सुनवाई की और सर्वे का आदेश भी दे दिया। एक सर्वे पहले हो चुका था और दूसरे सर्वे के लिए वहां टीम पहुंची तो स्थानीय लोगों ने विरोध किया।
विरोध कर रहे लोग और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए। स्थिति संभालने के लिए पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया और इस लाठीचार्ज के बाद बवाल मच गया। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि पुलिस की गोली से प्रदर्शनकारियों की जान गई। वहीं, पुलिस का कहना है कि उसकी ओर से आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां ही चलाई गई थीं।