सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार और राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया कि राज्य में 31 जनवरी, 2026 तक स्थानीय निकाय चुनाव करवाएं। यह निर्देश दो जजों की बेंच ने दिया है। इसके अलावा जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने अधिकारियों को इस साल 10 अक्टूबर तक परिसीमन प्रक्रिया पूरी करने का भी निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई को भी इसी तरह का आदेश दिया था, जिसपर सरकार और आयोग ने अमल नहीं किया। अपनी नाराजगी जताते हुए पीठ ने कहा कि 6 मई के अपने आदेश में हमने चार हफ्तों के भीतर चुनावों की अधिसूचना जारी करने और चार महीनों के भीतर चुनाव संपन्न कराने का निर्देश दिया गया था। मगर, इसके बावजूद राज्य चुनाव आयोग ने तुरंत कार्रवाई नहीं की।
आगे नहीं मिलेगी छूट
शीर्ष कोर्ट ने अब एक निश्चित कार्यक्रम तय करके राज्य सरकार और चुनाव आयोग को समय-सीमा बढ़ाने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आगे निकाय चुनाव को लेकर कोई छूट नहीं दी जाएगी।
सरकार को लगाई फटकार
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा- क्या चुनाव हो चुके हैं? इस पर सरकार के वकील ने कहा कि प्रक्रिया चल रही है। मई में आदेश पारित हुआ था। चुनाव 4 महीने में होने थे। परिसीमन हो चुका है और राज्य चुनाव आयोग कुछ समय विस्तार की मांग कर रहा है। एक अंतरिम अर्जी दायर की गई है।
राज्य सरकार के वकील का जवाब सुनकर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम आपको जनवरी तक का समय क्यों दें? सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा कि 29 नगर निगम हैं। पहली बार एक साथ चुनाव हो रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- आपकी निष्क्रियता अक्षमता को दर्शाती हैं। हमें मौखिक रूप से कारण बताएं। इस पर वकील ने कहा कि हमारे पास 65 हजार EVM मशीनें हैं। 50 हजार और चाहिए, हमने ऑर्डर दे दिए हैं।