दिल्ली में सर्दियां आते ही प्रदूषण बढ़ने लगा है। पाबंदिया भी लगनी शुरू हो गई हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में दीवाली पर ग्रीन पटाखे फोड़ने की इजाजत दे दी है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया है कि सिर्फ तय जगहों पर ही इन्हें जलाया जा सकेगा। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि 15 से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखों की बिक्री कर सकते हैं लेकिन यह बिक्री भी तय जगहों पर ही होगी।
यह फैसला चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन ने दिया है। यह बेंच ग्रीन पटाखों समेत सभी तरह के पटाखों पर बैन लगाने वाले फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह के पटाखों पर बैन लगा दिया था। इसे कुछ मैनुफैक्चरर्स ने यह कहते हुए चुनौती दी कि पहले सुप्रीम कोर्ट ने पारंपरिक पटाखों पर रोक लगाई थी लेकिन ग्रीन पटाखों को छूट थी। अब सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों पर लगे इस बैन को हटा दिया है।
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ग्रीन पटाखे फोड़ो लेकिन शर्तें लागू
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री और इन्हें फोड़ने की इजाजत तो दे दी है लेकिन कुछ शर्तें भी लगाई हैं।
- बिक्री पर शर्त: 15 से 21 अक्टूबर तक दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री होगी। बिक्री सिर्फ चुनिंदा जगहों पर ही होगी। पटाखे सिर्फ ऑफलाइन बेचे जाएंगे।
- कैसे होंगे पटाखे: सिर्फ वही ग्रीन पटाखे बेचे जाएंगे, जिनपर QR कोड होगा। पुलिस पैट्रोलिंग के जरिए इसकी निगरानी करेगी। ई-कॉमर्स पर ग्रीन पटाखे नहीं बेचे जा सकते।
- जलाने का समय: दीवाली से एक दिन पहले सुबह 6 से 7 बजे के बीच ग्रीन पटाखे जला सकते है। दीवाली की रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति होगी।
दिल्ली की सीएम ने किया फैसले का स्वागत
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने X पर लिखा कि 'दिल्ली सरकार के विशेष आग्रह पर राजधानी में ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार।'
उन्होंने कहा, 'यह निर्णय दीपावली जैसे पवित्र पर्व पर जनभावनाओं और उत्साह का सम्मान करता है, साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है।' उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि त्योहारों की रौनक बरकरार रहे और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।
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पटाखों पर 2018 से लगा है बैन
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के चलते 2018 से ही पटाखों की बिक्री और इन्हें जलाने पर बैन लगा है। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पटाखों पर बैन लगा दिया था। हालांकि, ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति थी। उस फैसले में सिर्फ सर्दियों के मौसम में ही पटाखों पर बैन था।
इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे जलाने की टाइमिंग भी तय की थी। इसके मुताबिक, दीवाली की रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जलाए जा सकते थे। वहीं, क्रिसमस और नए साल पर रात 11:45 से 12:45 बजे के बीच पटाखे जलाने की अनुमति थी।
हालांकि, इस साल अप्रैल में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला आया। इसमें अदालत ने दिल्ली-एनसीआर में पूरे सालभर के लिए पटाखों की बिक्री और इनके जलाने पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही ग्रीन पटाखों पर भी बैन लगा दिया था।
इसी फैसले को मैनुफैक्चरर्स ने चुनौती दी थी। उन्होंने मांग की थी कि ग्रीन पटाखों पर लगे बैन को हटाया जाए। केंद्र सरकार ने भी ग्रीन पटाखों की अनुमति मांगी थी। केंद्र सरकार ने दलील दी थी कि ग्रीन पटाखों की अनुमति दी जाए, ताकि संतुलन बना रहे और लोग भी अपने त्योहार मना सकें।