सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से एक स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की याचिका पर जल्द सुनवाई करने को कहा। यह याचिका वकील शेखर काकासाहेब जगताप की ओर से दायर की गई है। उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की है। शेखर काकासाहेब पेशे से वकील हैं। वह पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और बिजनेसमैन संजय पुनामिया के खिलाफ एक केस में पब्लिक प्रॉसीक्यूटर के तौर पर पेश हुए थे। यह केस दूसरे बिजनेसमैन सुंदर अग्रवाल की शिकायत पर चल रहा था। संजय अब पुनामिया ने शेखर के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। 
संजय पुनामिया ने आरोप लगाया है कि शेखर जगताप ने झूठे दस्तावेज बनाकर खुद को स्पेशल प्रॉसीक्युटर नियुक्त करवाया था। संजय पुनामिया ने बॉम्बे हाई कोर्ट में FIR रद्द करने की अर्जी दी थी लेकिन कई जजों ने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। जिस जज के पास केस गया था, उन्होंने एक साल से कोई सुनवाई नहीं की थी। 
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या किया?
शेखर काका साहेब के वकील गौरव अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि केस की सुनवाई लंबे समय से नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट में CJI बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने इस याचिका की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से कहा कि वह यह केस अपने पास ले लें और जल्दी सुनवाई करें।  शेखर जगताप को येह भी छूट दी गई कि वह सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के आधार पर चीफ जस्टिस से तुरंत सुनवाई की मांग कर सकते हैं।  
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अपने बचाव में क्या कह रहे हैं काका साहेब के वकील?
शेखर के वकील ने कहा है कि संजय पुनामिया ने उनके खिलाफ बार काउंसिल में भी कई शिकायतें की थीं लेकिन सभी खारिज हो गईं। पुलिस ने बिना जांच के FIR दर्ज कर ली, जबकि शेखर जगताप 23 साल से वकालत कर रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार के पैनल में हैं।