सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को लताड़ लगाई है। मामला हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार की जमानत याचिका से जुड़ा था। सुरेंद्र पंवार से 15 घंटे तक पूछताछ करने को सुप्रीम कोर्ट ने 'अत्याचार' और 'अमानवीय' बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को भी अवैध बताया है।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि ये ED अफसरों का 'अमानवीय बर्ताव' था, क्योंकि मामला किसी आतंकी गतिविधि से नहीं, बल्कि कथित अवैध खनन से जुड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'ऐसे मामलों में लोगों के साथ बर्ताव करने का ये तरीका नहीं है। आपने एक व्यक्ति को बयान देने के लिए मजबूर किया है।'
ED की याचिका खारिज
सोनीपत से कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेंद्र पंवार को ED ने पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया था। उन्होंने इसे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने पंवार की गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए उनके खिलाफ दर्ज अवैध रेत खनन और मनी लॉन्ड्रिंग केस को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने ये इस आधार पर खारिज कर दिया था कि अवैध खनन मनी लॉन्ड्रिंग कानून के दायरे में नहीं आता।
हाईकोर्ट के इसी फैसले को ED ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने ED की अपील को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वो हाईकोर्ट के फैसले में दखल नहीं देगी।
ED ने क्या कहा?
ED की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में ये समझने में गलती की है कि पंवार से लगातार 14.40 घंटे तक पूछताछ की गई थी। उन्होंने तर्क रखा कि पूछताछ के लिए कुछ पैरामीटर तय कर रखे हैं। किसी भी व्यक्ति देर रात तक और सुबह के शुरुआती घंटों में पूछताछ नहीं की जा सकती।
इतनी देर तक पूछताछ करने पर हाईकोर्ट ने कहा था कि किसी व्यक्ति से लगातार 14 घंटे तक पूछताछ करना कोई वीरता का काम नहीं है। ये एक इंसान की गरिमा के खिलाफ था।
क्या था पूरा मामला?
ED ने हरियाणा के यमुनानगर में बड़े पैमाने पर अवैध खनन के आरोप में पूर्व विधायक सुरेंद्र पंवार के घर पर जनवरी 2024 में छापेमारी की थी। 20 जुलाई 2024 को पंवार को ED ने गुरुग्राम से हिरासत में लिया था। बाद में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में PMLA कोर्ट ने पंवार को 29 जुलाई तक हिरासत में भेज दिया था। यमुनानगर और आसपास के जिलों से अवैध रेत खनन के मामले में हरियाणा पुलिस ने केस दर्ज किया था। इसी आधार पर ED ने भी केस दर्ज किया। ED का आरोप था कि अवैध खनन से कुछ सालों में 400-500 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।