कर्नल सोफिया पर विवादित बयान मामले में मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेष जांच समिति (SIT) के गठन का आदेश दिया है। यह समिति कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई मंत्री की आपत्तिजनक टिप्पणी की जांच करेगी। एसआईटी में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को शामिल करने का निर्देश दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मंत्री विजय शाह को न केवल फटकार लगाई, बल्कि यह भी कहा कि पीठ उनकी माफी को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि आप एक सार्वजनिक व्यक्ति हैं। एक अनुभवी नेता हैं। बोलते समय आपको अपने शब्दों पर ध्यान देना चाहिए। हमें आपका वीडियो यहां चलाना चाहिए। यह सशस्त्र बलों के लिए एक अहम मुद्दा है। हमें बहुत जिम्मेदार होने की आवश्यकता है।
एसआईटी में कौन होगा सदस्य?
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने आदेश दिया कि एसआईटी में मध्य प्रदेश कैडर के तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया जाए। अधिकारी मौजूदा समय में मध्य प्रदेश में तैनात हो, लेकिन मूलत: वहां के रहने वाले न हो। एसआईटी में एक महिला सदस्य का भी होना जरूरी है। मध्य प्रदेश के डीजीपी को कल यानी 20 मई तक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया गया है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के बयान और एफआईआर को देखने के बाद हम नतीजे पर पहुंचे कि एफआईआर की जांच एसआईटी करे। एसआईटी का गठन कल तक हो जाना चाहिए। इसमें एक सदस्य महिला होगी। दोनों सदस्य पुलिस अधीक्षक से ऊपर के रैंक के होंगे। मुख्य सदस्य आईजी या डीजीपी रैंक का ही होगा।
मंत्री की गिरफ्तारी पर रोक, मगर सहयोग करना होगा
अदालत ने मंत्री विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। उन्हें जांच में शामिल होने और सहयोग देने का निर्देश दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 28 मई को होगी। तभी एसआईटी को स्टेटस रिपोर्ट सौंपना होगा। अदालत ने एफआईआर दर्ज करने के मामले में मध्य प्रदेश सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाया।
विजय शाह के वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने दलील दी कि मंत्री ने अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है। इस पर न्यायमूर्ति कांत ने कहा, "किस तरह की माफी? वह माफी क्या है? कभी-कभी लोग कानूनी दायित्वों से बचने के लिए माफी मांगते हैं। कभी-कभी मगरमच्छ के आंसू बहाते हैं। अदालत ने मंत्री के बयान को मूर्खतापूर्ण बताया।
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28 मई तक रिपोर्ट सौंपेगी एसआईटी
वकील वरुण ठाकुर का कहना है कि शीर्ष अदालत ने आज ऐतिहासिक आदेश पारित किया और विजय शाह मामले में एसआईटी गठित की है। विशेष जांच समिति 28 मई से पहले अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने बताया कि विजय शाह की गिरफ्तारी सशर्त है। अगर वह जांच में सहयोग करते हैं तो 28 मई से पहले गिरफ्तारी नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी माफी को स्वीकार नहीं किया है।
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मंत्री विजय शाह की चर्चा देशभर में उस वक्त शुरू हुई जब वे एक वीडियो में कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते दिखे। 14 मई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने एफआईआर पर रोक लगाने की मांग की। मगर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी है। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया ब्रीफिंग में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दुनिया को दी थी। इसके बाद से इन दोनों सैन्य अधिकारियों की चर्चा खूब है।