भारतीय अदालतों में एक कहावत खूब कही जाती है, 'देर से मिला न्याय, न्याय नहीं, अन्याय होता है।' ये एक लीगल मैग्जिम है, जिसका इस्तेमाल अदालतों में वकील, अक्सर करते हैं। पीड़ित को तत्काल न्याय देना, उसका संवैधानिक हक है। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत यह व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। हुसैनारा खातून बनाम गृह सचिव बिहार (1980) में सु्प्रीम कोर्ट भी यह चुका है।
क्या सुप्रीम कोर्ट से ही लोगों को तत्काल राहत मिल पाती है? इस सवाल के जवाब भी सुप्रीम कोर्ट के पास है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में हाल ही में कहा कि देश की अदालतों में लाखों लंबित मामले हैं लेकिन उनके निपटारे के लिए जजों की संख्या अपर्याप्त है।
'10 लाख लोगों पर 50 जज भी नहीं'
सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाल ही में लंबित मामलों पर चिंता जताई थी। जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एजी महीस की बेंच ने कहा है कि जजों पर काम का दबाव ज्यादा है। लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने साल 2002 के एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि 10 लाख लोगों पर 50 जज होने चाहिए थे, लेकिन 25 जज भी नहीं हैं।
साल 2002 में ऑल इंडिया जज एसोसिएशन बनाम भारत सरकार में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2005 तक ट्रायल कोर्ट में जजों की संख्या प्रति 10 लाख की जनसंख्या पर 50 होनी चाहिए, इस आदर्श स्थिति तक, अभी अदालतों में जज नहीं हैं, जबकि जनसंख्या और मामले, दोनों बेतहाशा बढ़ गए हैं।

1 जज, 2,000 केस, निपटाएं कैसे?
सुप्रीम कोर्ट में प्रति जज 2 हजार केसों का दबाव है। नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड की एक रिपोर्ट बताती है कि जिला अदालतों में सिविल के 57.30 फीसदी केस ऐसे हैं, जो एक साल से ज्यादा वक्त से लंबित हैं। इनकी संख्या 1,09,55,713 से ज्यादा है। आपराधिक मामलों की संख्या 3,46,06,975 है। कुल मामले 4,55,62,688 है।
सुप्रीम कोर्ट का क्या है हाल?
सुप्रीम कोर्ट में 1 साल पुराने लंबित सिविल मामलों की संख्या 64,139 है। आपराधिक लंबित मामलों की संख्या 18,250 हैं। एक साल से लंबित कुल मामलों 82389 हैं। देश की 25 हाई कोर्ट में 1 साल से ज्यादा कुल लंबित मामलों की संख्या 61,11,490 है। सिविल केस 43,39,907 हैं, क्रिमिनल 17,61,583 हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जज कितने हैं?
सुप्रीम कोर्ट में कुल जजों की संख्या 34 है, जिसमें मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हैं। एक साल से लंबित मामलों की संख्या 82389 है।
यूपी से लेकर दिल्ली तक, HC में लंबित मामलों की संख्या
एक साल पुराने लंबित मामलों की संख्या-
दिल्ली हाई कोर्ट- 1,27,479
इलाहाबाद हाई कोर्ट- 10,67,614
बॉम्बे हाई कोर्ट- 6,52,941
कलकत्ता हाई कोर्ट- 1,87,463
आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट- 2,48,217
पटना हाई कोर्ट- 1,99,848