सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने सरकार को पत्र लिखकर पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया धनंजय वाई चंद्रचूड़ से लुटियंस दिल्ली के 5 कृष्ण मेनन मार्ग स्थित बंगला तुरंत खाली करने की मांग की है। यह बंगला मौजूदा चीफ जस्टिस के लिए तय है लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़, रिटायरमेंट के 8 महीने बाद भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। वह नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक, सुप्रीम कोर्ट के 50वें CJI रहे। अब उन्हें बंगला खाली करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने 1 जुलाई के पत्र में कहा है कि जस्टिस चंद्रचूड़ को 31 मई 2025 तक बंगला खाली करना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह बंगला टाइप VIII है, जबकि 2022 के नियमों के तहत रिटायर्ड सीजेआई को टाइप VII बंगला केवल छह महीने तक मिल सकता है, जो 10 मई 2025 को खत्म हो चुका है।
बेटियों की वजह से बंगला नहीं खाली कर पाए पूर्व जस्टिस चंद्रचूड़
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि निजी कारणों की वजह से समय से बंगला खाली नहीं कर पाए हैं। उनकी दो बेटिया हैं, जिन्हें एक गंभीर बीमारी है। इसे नेमलाइन मायोपैथी कहते हैं, जिसका इलाज एम्स में चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें तुगलक रोड पर वैकल्पिक बंगला आवंटित किया है। यह दो साल से बंद था और अभी मरम्मत का काम चल रहा है।
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तय वक्त से ज्यादा दिन बंगले में रहे
रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट को उन्होंने सूचना दे दी है। जल्द ही बंगला खाली करने का भरोसा दिया है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने रिटायरमेंट के बाद दिसंबर 2024 में तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना से 30 अप्रैल 2025 तक बंगला रखने की अनुमति मांगी थी, जिसे मंजूरी मिल गई। इसके लिए उन्हें 5,430 रुपये मासिक किराया देना था। चंद्रचूड़ ने मौखिक रूप से 31 मई तक और फिर 30 जून तक अनुमति मांगी, लेकिन अब यह अवधि भी खत्म हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने पत्र में कहा कि अन्य जजों को बंगले आवंटित करने की जरूरत है, इसलिए अब और देरी बर्दाश्त नहीं होगी।
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पूर्व जस्टिस चंद्रचूड़ ने क्या कहा
यह पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व सीजेआई से आधिकारिक बंगला खाली करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वह अपने दायित्वों को समझते हैं और कुछ ही दिनों में नया बंगला तैयार होते ही वहां चले जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले भी पूर्व सीजेआई को जरूरी वजहों से बंगला रखने की अनुमति मिलती रही है।