त्रिपुरा सरकार ने बांग्लादेश को बकाया 135 करोड़ रुपये का बिजली का बिल चुकता करने के लिए कहा है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब वहां भारत-विरोधी गतिविधियां बढ़ती ही जा रही हैं।
त्रिपुरा के ऊर्जा मंत्री रतन लाल नाथ ने रविवार को कहा, 'हालांकि, 135 करोड़ रुपये कुल बकाया है, फिर भी बांग्लादेश रेग्युलेर बिल का पेमेंट कर रहा है। हम प्रति यूनिट 6.65 रुपये चार्ज कर रहे हैं, जो कि काफी अच्छा रेट है।'
त्रिपुरा पहले भी काट चुका है बिजली
इससे पहले मई 2024 में त्रिपुरा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड (टीएसईसीएल) ने समय पर पेमेंट न होने की वजह से बांग्लादेश पावर डेवलेपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) को बिजली देने पर रोक लगा दी थी।
पिछले एक साल से बांग्लादेश समय पर बिजली का बिल नहीं दे पा रहा है जिसकी वजह से बकाया बढ़ता जा रहा है।
अदाणी पावर का भी है बकाया
बांग्लादेश सरकार का अदाणी पावर के साथ भी बिजली के बिल का बकाया बढ़ता जा रहा है। अदाणी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) बांग्लादेश की कुल बिजली सप्लाई का लगभग 30 फीसदी पूरा करता है। यह बिजली गोड्डा के संयत्र से दी जाती है।
एपीजेएल का बांग्लादेश की सरकारी कंपनी बांग्लादेश पावर डेवपलमेंट बोर्ड (BPDB) पर लगभग 85 करोड़ डॉलर यानी कि करीब 7200 करोड़ रुपये का बकाया है।
बस पर हुआ था हमला
बांग्लादेश में भारत-विरोधी गतिविधियां बढ़ रही हैं। शनिवार को ढाका होते हुए अगरतला से कोलकाता जाने वाली बस पर ब्राह्मणबरिया जिले में हमला कर दिया गया। हालांकि, इसमें किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ लेकिन कथित रूप से हमलावरों ने यात्रियों को डराया-धमकाया और भारत-विरोधी नारे लगाए।
बांग्लादेश में जारी है हिंसा
बांग्लादेश में अभी भी हिंसा जारी है। हाल ही में कुछ दिन पहले बांग्लादेश में संत चिन्मय दास को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में रविवार को दो अन्य संतों को भी उनसे मिलने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल, शेख हसीना को अपदस्थ किए जाने के बाद जब से मोहम्मद यूनुस सरकार के मुख्य सलाहकार नियुक्त हुए हैं, तब से बांग्लादेश अशांत है। देश की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है जिससे बिजली के बिल का भुगतान करने में दिक्कतें आ रही हैं।