तमिलगा वेट्री कड़गम (टीवीके) के प्रमुख थलापति विजय की करूर रैली में भगदड़ मचने से करीब 41 लोगों की मौत हुई थी और करीब 60 लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पुलिस ने 29 सितंबर को पहली गिरफ्तारी की है। करूर जिले के पार्टी सचिव मथियाझगन को करूर भगदड़ मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। इसी केस में पुलिस ने मथिाझगन को छिपाने वाले पौनराज और अफवाह फैलाने के आरोप में यूट्यूबर फेलिक्स गेराल्ड को भी गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें TVK के तीन पदाधिकारियों यानी प्रदेश महासचिव बस्सी आनंद, उप महासचिव निर्मल कुमार और मथियाझन का नाम था। इन तीनों पर गैर इरादतन, हत्या, गैर इरादतन हत्या के प्रयास, दूसरों के जीवन को खतरे में डालने और आदेश का पालन न करने जैसे आरोप हैं। पुलिस का मानना है कि इतना बड़ा हादसा होने का कारण जरूरत से ज्यादा भीड़ जमा होना और प्रशासन को रैली के बारे में सूचना नहीं दिया जाना था।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, करूर-डिंडीगुल सीमा के पास से पकड़े गए मथियाझगन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 125 (दूसरों की जान को खतरे में डालना) और 223 (आदेश को न मानना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो भगदड़ के बाद मथियाझगन फरार हो गए थे। जिला सेक्रेटरी मथियाझगन को करूर के बाहरी इलाके से गिरफ्तार किया गया था। मथियाझगन के अलावा, भगदड़ के लिए दर्ज एफआईआर में टीवीके के दो पदाधिकारी राज्य महासचिव बुस्सी आनंद और पार्टी के उप महासचिव निर्मल कुमार के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।
यह भी पढ़ें- रूपा पब्लिकेशन से नहीं छपेगी लाल-काले रंग की संविधान की किताब, लगी रोक
फेलिक्स गेराल्ड क्यों गिरफ्तार हुए?
तमिल यूट्यूबर फेलिक्स गेराल्ड को करूर रैली में हुई भगदड़ की घटना के संबंध में अफवाहें फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी अफवाह फैलाने के आरोप में 20 लोगों पर मामला दर्ज करने और तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद हुई है। गेराल्ड का एक यूट्यूब चैनल है जिसमें समसामयिक विषयों पर तमिल भाषा में जानकारी मुहैया कराई जाती है।
एफआईआर में विजय पर आरोप
एफआईआर में टीवीके के तीन प्रमुख पदाधिकारियों के नाम हैं - करूर उत्तर जिला सेक्रेटरी मथियाझगन, राज्य महासचिव बुस्सी आनंद और उप महासचिव निर्मल कुमार। एक पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 125 (दूसरों की जान को खतरे में डालना) और 223 (आदेश की अवज्ञा) के साथ-साथ तमिलनाडु पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए, अधिनियम 1992 की धारा 3 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
यह भी पढ़ें- पार्टी बनाई, फतवे दिए; तौकीर रजा, जिन पर लोगों को उकसाने का आरोप लगा
मामले में दर्ज केस के अनुसार, अधिकारियों ने इस घटना का जिम्मेदार पार्टी चीफ विजय पर मढ़ा है। पीटीआई से बात करते हुए, अधिकारियों ने कहा कि करूर रैली के दौरान विजय के आने में देरी के कारण भीड़ की संख्या बढ़ गई। एफआईआर में कहा गया है कि भीड़ में से कई लोग अभिनेता को बेहतर ढंग से देखने के लिए स्टील के शेड और पेड़ों पर चढ़ गए थे। जिसके कारण जब इनका संतुलन बिगड़ा तो ये गिर गए। जब यह गिरे तो वे नीचे खड़े लोगों पर गिर गए, जिसके वजह से भगदड़ मच गई।