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45 दिन के महाकुंभ से कितनी कमाई करेगी UP सरकार? हैरान कर देंगे आंकड़े

यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो गया है। इस बार कुंभ में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। ऐसे में जानते हैं कि इस महाकुंभ से सरकार को कितनी कमाई होने की उम्मीद है।

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संगम में डुबकी लगाते श्रद्धालु। (Photo Credit: PTI)

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन शुरुआत हो गई है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में पहले दिन 50 लाक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा माने जाने वाले महाकुंभ में इस बार 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।


इस बार कुंभ मेला 4 हजार हेक्टेयर में लगाया गया है। 12 साल में एक बार होने वाले इस महाकुंभ के लिए 7 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। मगर इससे यूपी को होने वाली कमाई का आंकड़ा हैरान करने वाला है।

यूपी को होगी कितनी कमाई?

महाकुंभ से यूपी को लाखों करोड़ रुपये की कमाई होने की उम्मीद है। अगर कम से कम 40 करोड़ लोग भी यहां आते हैं और औसतन 5 हजार रुपये खर्च करते हैं, तो इससे यूपी को 2 लाख करोड़ रुपये कमाई होगी। न्यूज एजेंसी IANS का अनुमान है कि हर व्यक्ति औसतन 10 हजार रुपये भी खर्च कर सकता है और इससे 4 लाख करोड़ रुपये की कमाई होगी। अगर ऐसा हुआ तो यूपी की जीडीपी 1 फीसदी तक बढ़ जाएगी।

 

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कहां-कहां से होगी कमाई?

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) का अनुमान है कि महाकुंभ में खाने-पीने का सामान, बिस्किट और जूस जैसे पैकेज्ड फूड्स से ही 20 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है। वहीं, प्रसाद, तेल, दीपक, गंगा जल, मूर्तियां, अगरबत्ती और धार्मिक पुस्तकों की बिक्री से भी 20 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है। ट्रांसपोर्ट और माल ढुलाई से 10 हजार करोड़ जबकि मेडिकल सर्विस और दवाओं से 10 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है। विज्ञापन से 10 हजार करोड़ और मोबाइल चार्जिंग स्टेशनों से 1 हजार करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है।

 

पिछली बार से कहीं ज्यादा होगी कमाई

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में बताया था कि 2019 में जब प्रयागराज में अर्धकुंभ का आयोजन हुआ था तो उससे 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान आया था। उस मेले में 24 करोड़ लोग आए थे। 

 

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कुंभ में कैसी है व्यवस्था?

महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 1.50 लाख टेंट लगाए गए हैं। इनमें 3 हजार किचन हैं। 1.45 लाख बाथरूम और 99 पार्किंग लॉट्स बनाए गए हैं। सुरक्षा क लिए 40 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इस बार कुंभ मेला 4 हजार हेक्टेयर में लगाया गया है। पिछली बार से ये 25 फीसदी बढ़ाया गया है। पिछली बार कुंभ मेले का एरिया 3,200 हेक्टेयर था। यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मेला क्षेत्र 25 सेक्टरों में बांटा गया है। घाटों की लंबाई 12 किलोमीटर की गई है। पार्किंग का क्षेत्र भी 1,850 हेक्टेयर किया गया है।

कुंभ की कहानी क्या है?

कुंभ के पीछे पौराणिक कहानियां हैं। पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान राक्षसों और देवताओं के बीच अमृत को लेकर संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष के दौरान अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरीं। यही कारण है कि कुंभ का आयोजन इन्हीं 4 जगहों पर होता है। एक मान्यता ये भी है कि अमृत से भरे कलश को स्वर्ग पहुंचने में 12 दिन लगे थे। देवताओं का एक दिन पृथ्वी के एक साल के बराबर होता है। इस कारण हर 12 साल में पूर्ण कुंभ का आयोजन होता है।

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