प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अगस्त को अर्बन एक्सटेंशन रोड-II यानी UER-II का उद्घाटन किया था। इससे दिल्ली-NCR में कनेक्टिविटी बढ़ी, बल्कि ट्रैफिक जाम से भी राहत मिली। हालांकि, इसके उद्घाटन के बाद से इस पर बवाल भी खड़ा हो गया है। रविवार को पश्चिमी दिल्ली के बिनादपुर में एक पंचायत हुई। यह पंचायत UER-II पर लगने वाले टोल टैक्स के खिलाफ हुई। पंचायत में फैसला लिया गया है कि 13 सितंबर को इसके खिलाफ 'महापंचायत' होगी।
दिल्ली-NCR में कनेक्टिविटी बढ़ाने वाले इस एक्सप्रेसवे से जहां एक ओर लोगों को राहत मिली है तो दूसरी ओर इसके आसपास के गांव वाले इस पर लगने वाले टोल का विरोध कर रहे हैं।
क्या है UER-II?
16 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने UER-II का उद्घाटन किया था। यह पूरा एक्सप्रेसवे 75 किलोमीटर लंबा है। इसे बनाने में 5,580 करोड़ रुपये का खर्चा आया है।
यह NH-44 में अलीपुर से शुरू होता है और महिपालपुर में NH-48 तक जाता है। यह नॉर्थ, नॉर्थवेस्ट, वेस्ट और साउथवेस्ट दिल्ली से होकर गुजरता है। यह दिल्ली-NCR के बवाना, रोहिणी, मुंडका, बक्करवाला, नजफगढ़ और द्वारका को जोड़ता है।
इस एक्सप्रेसवे के बनने से सिंघु बॉर्डर से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट तक की यात्रा अब केवल 40 मिनट में पूरी हो जाएगी, जबकि पहले इसमें दो घंटे लगते थे। UER-II हरियाणा के बहादुरगढ़ और पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़ के साथ-साथ द्वारका एक्सप्रेसवे और गुड़गांव को भी जोड़ता है।
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लेकिन इस पर बवाल क्यों हो गया?
UER-II के खुलने के बाद से ही इस पर बवाल हो रहा है। विरोध की वजह टोल टैक्स है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) यहां पर 23 अगस्त से टोल वसूल रहा है।
इस एक्सप्रेसवे पर 235 से लेकर 2,260 रुपये तक का टोल टैक्स लगता है। कार या जीप से जाते हैं तो 235 रुपये का टोल लगता है। लौटते भी हैं तो 350 रुपये देने पड़ते हैं। लाइट कमर्शियल व्हीकल पर 375 रुपये का टोल लगता है और उसी दिन लौटने पर 565 रुपये लगेंगे। बस या ट्रक के लिए 790 रुपये का टैक्स रखा गया है। उसी दिन वापसी पर कुल 1,185 रुपये का टोल लगेगा। इसके लिए मुंडका बक्करवाला टोल प्लाजा बनाया गया है।
इस टोल पर एक्सप्रेसवे के पास बने बक्करवाला, मुंडका, रानी खेड़ा, रसूलपुर, मदनपुर और डाबा जैसे गांवों में विरोध हो रहा है।
पालम 360 खाप के अध्यक्ष सोलंकी राम कुमार का कहना है कि दिल्ली के बाकी इलाकों में बने हाईवे के आसपास के 20 किलोमीटर के गांवों में रहने वालों को टोल नहीं देना पड़ता है तो यहां के गांव वालों से टोल क्यों वसूला जा रहा है? उनका कहना है कि एक्सप्रेसवे के 20 किलोमीटर के दायरे में बने गांवों के लोगों से टोल न लिया जाए।
उनका यह भी कहना है कि UER-II पर यूटर्न भी बंद रखा गया है, जिसे खोला जाना चाहिए। अगर कोई गलती से हाईवे पर चला जाता है तो उसके पास यूटर्न मारकर वापस लौटने का विकल्प होना चाहिए।
दिल्ली के मुंडका समेत UER-II के आसपास बने गांवों के लोगों का कहना है कि उन्हें टोल में छूट मिलनी चाहिए। उनका कहना है कि हम यहां से कई बार गुजरते हैं तो बार-बार टोल कैसे भर सकते हैं।
NHAI का क्या है कहना?
NHAI का कहना है कि यहां के स्थानीयों को पहले ही टोल में छूट दी जा रही है। NHAI का कहना है कि एक ही दिन में अगर एक्सप्रेसवे आना-जाना करते हैं तो इसके लिए 350 रुपये लगेंगे।
NHAI का यह भी कहना है कि 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोग प्राइवेट गाड़ी के लिए 350 रुपये में मंथली पास बनवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें आधार कार्ड और गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के दस्तावेज जमा करने होंगे।
इंडियन एक्सप्रेस ने NHAI के सूत्रों के हवाले से बताया कि ज्यादा सफर करने वालों के लिए भी मंथली पास है। इसके लिए लोग 7,765 रुपये में पास बनवा सकते हैं। इससे हर महीने में 50 ट्रिप कर सकते हैं। अगर पास नहीं बनवाते हैं तो 50 ट्रिप करने पर 11,750 रुपये लगेंगे।