शादी टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे विवाह रजिस्ट्रेशन को आसान बनाए। इसके अलावा क्षेत्रों से बाहर के जोड़ों को भी इसकी समान सुविधा प्रदान की जाएं। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है।
हालांकि, विवाह के रजिस्ट्रेशन की आवश्यकताएं राज्य दर राज्य अलग-अलग हैं लेकिन अधिकांश राज्यों में कम से कम एक पति या पत्नी का अपने-अपने राज्यों में कम से कम 30 दिनों तक रहना जरूरी है। इंडियन वेडिंग टूरिज्म इंडस्ट्री बहुत बड़े सेक्टर में फैली हुई है। भारत में हर साल एक करोड़ शादियां होती हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत में 54% आबादी 30 वर्ष से कम आयु की है, इसलिए घरेलू आय का एक बड़ा हिस्सा शादियों पर खर्च होता है।
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शादी इंडस्ट्री कितना फायदेमंद
शेखावत ने कहा, 'अगर हम 25 वर्ष या उससे कम आयु वालों पर विचार करें, तो भारत में लगभग 68 करोड़ लोग अगले कुछ वर्षों में शादी करेंगे, जिससे शादी इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ी संभावनाएं पैदा होंगी।' बता दें कि पर्यटन मंत्रालय ने 2023 में एक महत्वाकांक्षी अभियान शुरू किया था, जिसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर भारत को एक प्रमुख शादी डेस्टीनेशन के रूप में पेश करना था।
अभियान की शुरुआत देश भर के लगभग 25 प्रमुख स्थलों की फ्रेमवर्क तैयार करने के साथ हुई, जिसमें यह पता लगाया गया कि भारत किस तरह से एक से अधिक तरीकों से उनकी विवाह संबंधी आकांक्षाओं में फिट बैठता है। अभियान का मुख्य आकर्षण इसका सहयोगात्मक अप्रोच है, जिसे इंडस्ट्री एक्सपर्ट, संघों और अनुभवी विवाह प्लेनर्स के साथ कंसल्टेशन में विकसित किया गया है।
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शादी टूरिज्म एक डेस्टिनेशन
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शादी टूरिज्म लिए एक डेस्टिनेशन के रूप में भारत के आकर्षण को उजागर करता है और इस अविश्वसनीय राष्ट्र के असंख्य पहलुओं को प्रदर्शित करता है। हालांकि, संसद में प्रस्तुत एक हालिया रिपोर्ट में, परिवहन, पर्यटन और संस्कृति की संसदीय स्थायी समिति ने कहा है कि विवाह पर्यटन के लिए भारत की विशाल क्षमता का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया है। समिति ने पाया कि डेस्टीनेशन वेडिंग स्थानीय अर्थव्यवस्था और इकोसिस्टम को कई लाभ प्रदान कर सकते हैं।