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खालिस्तान को लेकर भारत ने अमेरिका से क्या कह दिया?

भारत ने खालिस्तान को लेकर अमेरिका को संदेश दिया है। अमेरिकी इंटलीजेंस चीफ तुलसी गबार्ड भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।

Rajnath Singh and Tulsi Gabbard । Photo Credit: PTI

राजनाथ सिंह और तुलसी गबार्ड । Photo Credit: PTI

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी इंटेलीजेंस चीफ तुलसी गबार्ड से मीटिंग के दौरान अमेरिकी धरती से भारत के खिलाफ उठने वाले खालिस्तानी उग्रवाद का मुद्दा उठाया।

 

सोमवार को हुई इस मीटिंग में राजनाथ सिंह ने खालिस्तानी संगठन एसएफजे (सिख फॉर जस्टिस) द्वारा भारत विरोधी एक्टिविटी के बारे में बात की। सिख फॉर जस्टिस देश विरोधी काम करने के लिए भारत में प्रतिबंधित है।

 

सूत्रों के मुताबिक, 'भारत ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए अमेरिकी प्रशासन से गैर-कानूनी संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही।'

 

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तुलसी गबार्ड ने राजनाथ सिंह से बात करते हुए दोनों देशों के बीच डिफेंस और सिक्युरिटी बढ़ाने पर जोर दिया।

 

राजनाथ सिंह ने मीटिंग के बाद कहा, 'तुलसी गबार्ड से मिलकर काफी खुशी हुई। हमने काफी मुद्दों पर चर्चा की जिसमें डिफेंस और सूचना भी शामिल था, जिससे दोनों देशों के बीच पार्टनरशिप और ज्यादा बेहतर होगी।'

 

सिख फॉर जस्टिस क्या है?

सिख फॉर जस्टिस अमेरिका आधारित एक संगठन है जो कि भारत के आजाद अलग सिख राज्य की मांग करता है। इसकी नींव गुरपतवंत सिंह पन्नून ने 2007 में रखी थी। उस वक्त यह लीगल एक्टिविज़म और अलगाववादी एजेंडा पर काम करने के लिए सबको एकजुट करने का काम करता था.

 

भारत सरकार ने 2019 में यूएपीए के तहत इस संगठन को बैन कर दिया। इसके ऊपर आरोप था कि यह संगठन आतंकवाद और अलगाववादी एक्टिविटीज को बढ़ावा देता है।

 

एसएफजे खालिस्तान मूवमेंट को रिवाइव करने में लगा हुआ है, जिसने 1980 में स्वतंत्र सिख राज्य की वकालत की और पंजाब में हिंसक इन्सरजेंसी को बढ़ावा दिया। एसएफजे का सपोर्ट पाकिस्तान ने भी किया ताकि भारत में अशांति पैदा की जा सके।

 

भारत ने एसएफजे की एक्टिविटी को खत्म करने के लिए कूटनीति और कानूनी रास्ते का सहारा लिया। इसने अमेरिका, कनाडा और यूके जैसे देशों से एसएफजे और इसके लीडर्स के खिलाफ ऐक्शन लेने का निवेदन किया।

 

भारत सरकार ने एसएफजे की वेबसाइट को भी ब्लॉक कर दिया और मुख्य मेंबर्स की प्रॉपर्टी को भी सीज़ कर दिया, साथ ही भारत-विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई की।

 

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तीन दिन की भारत यात्रा पर गबार्ड

गबार्ड भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आई हैं। डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के बाद से यह किसी अमेरिकी उच्च अधिकारी की पहली भारत यात्रा है। उन्होंने सोमवार को राजनाथ सिंह से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने और इन्फॉर्मेशन शेयरिंग पर  फोकस करने पर व्यापक चर्चा की।

 

एनएसए से भी हुई थी मुलाकात

तुलसी गबार्ड ने एक दिन पहले ही एनएसए अजित डोभाल से भी मुलाकात की थी और दिल्ली में भारत की मेजबानी में आयोजित वैश्विक खुफिया विशेषज्ञों के सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस मुलाकात में दोनों ने खुफिया जानकारी शेयर करने और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और ज्यादा मजबूत करने के तरीकों पर मिलकर काम करने के बारे में बात की।



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