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क्या है 15 अगस्त झंडा विवाद? जो कैलाश गहलोत के इस्तीफे की बना वजह

कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी छोड़ने की पटकथा 15 अगस्त 2024 को ही लिखी जा चुकी थी।

August 15 Flag Controversy

15 अगस्त को झंडा फहराते कैलाश गहलोत। Source- X

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। गहलोत दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के काफी करीबी माने जाते थे। लेकिन सबसे बड़ा सवाल जो उठ रहा है वो ये कि आखिर गहलोत ने 'आप' से इस्तीफा कियों दिया। जबकि परिवहन विभाग के साथ-साथ कैलाश गहलोत प्रशासनिक सुधार, सूचना व प्रौद्दोगिकी, गृह एवं महिला व बाल विकास संभाल रहे थे।  

 

कैलाश गहलोत के आम आदमी पार्टी छोड़ने की पटकथा 15 अगस्त 2024 को ही लिखी जा चुकी थी। दरअसल, पार्टी नेतृत्व के साथ गहलोत के मतभेद के बीज 15 अगस्त को दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर बोए गए थे।

झंडा फहराने से शुरू हुई जंग

 

15 अगस्त को हुआ यूं कि उस समय शराब नीति घोटाले से जुड़े आरोपों के चलते तत्कालीन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद थे। की अनुपस्थिति में झंडा फहराने का काम जांच के दायरे में था। केजरीवाल ने निर्देश दिया था कि दिल्ली की तत्कालीन शिक्षा मंत्री आतिशी 15 अगस्त का झंडा फहराएंगी। हालांकि, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए केजरीवाल के निर्देश को अमान्य करार दिया और इसके बजाय दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को यह काम सौंपा।

सरकार और उपराज्यपाल के बीच रस्साकशी

 

उपराज्यपाल के इस फैसले के पीछे तर्क यह था कि गृह विभाग दिल्ली पुलिस की देखरेख करता है, जो औपचारिक मार्च-पास्ट का आयोजन करती है। हालांकि, इस कदम से आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच तीखी रस्साकशी शुरू हो गई।

 

इसके बाद शुरू हुई दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल दफ्तर के बीच लड़ाई। आप ने उपराज्यपाल पर दिल्ली सरकार के अधिकार को कमजोर करने का आरोप लगाया और इस कदम को तुच्छ राजनीति बताया। आतिशी ने एएलजी के फैसले की आलोचना करते हुए इसे तानाशाही वाला काम बताया और बीजेपी की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया। इसके बाद कैलाश गहलोत द्वारा उपराज्यपाल के निर्देश का पालन करते हुए 15 अगस्त को झंडा फहराया। इससे केजरीवाल और आप के साथ गहलोत के संबंध खराब होने लगे। 


गहलोत ने अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा

 

मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल को एक पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व मंत्री ने पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास को 'शीशमहल' करार देते हुए कई आरोप भी लगाए हैं।

 

गहलोत ने अपने पत्र में लिखा है, 'सबसे पहले मैं आपको एक विधायक और एक मंत्री के रूप में दिल्ली के लोगों की सेवा करने और उनका प्रतिनिधित्व करने का सम्मान देने के लिए ईमानदारी से धन्यवाद देना चाहता हूं। हालांकि, साथ ही मैं आपके साथ यह भी साझा करना चाहता हूं कि आज आम आदमी पार्टी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। चुनौतियां भीतर से हैं, उन्हीं मूल्यों के लिए हैं जो हम और आप आम आदमी पार्टी के साथ आए।'

इस्तीफे पर क्या बोली आप?

 

बीजेपी ने मौके का फायदा उठाते हुए आप पर निशाना साधा है। बीजेपी नेताओं ने कैलाश गहलोत के इस्तीफे को आप की आंतरिक कलह बताया है। वहीं, मंत्री के इस्तीफे पर आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि चुनाव चल रहे हैं और बीजेपी की साजिशें शुरू हो गई हैं। ईडी और सीबीआई सक्रिय हो गई है। कैलाश गहलोत और उनके परिवार पर ईडी और सीबीआई के कई मामले थे। इसलिए, उन्होंने जेल जाने के बजाय बीजेपी में शामिल होना बेहतर समझा। आप उनके सोशल मीडिया पोस्ट देख सकते हैं, वह 14-15 घंटे पहले भी आप के लिए काम कर रहे थे। जेल में संघर्ष कठिन है इसलिए उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया।

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