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चेची vs बिधूड़ी: गुर्जरों की शादी में हुआ झगड़ा हाई कोर्ट तक क्यों पहुंचा?

दिल्ली में गुर्जर समुदाय के दो गोत्र आमने-सामने हैं। मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया है। दरअसल, गुर्जर समुदाय का एक गोत्र चेची समुदाय के लड़के की शादी का विरोध कर रहा है। परिवार का आरोप है कि उनको लगातार धमकियां मिल रही हैं।

Delhi High Court

दिल्ली हाई कोर्ट। ( Photo Credit: PTI)

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दिल्ली के एक गांव में खाप पंचायत के फरमान का मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया। पीड़ित परिवार के मुताबिक उन्हें जान से मारने और सामाजिक बहिष्कार की धमकी मिल रही है। दरअसल, चेची गोत्र से आने वाले लड़के का विवाह बिधूड़ी गोत्र की एक लड़की के साथ तय हुआ। शादी अगले साल फरवरी में होनी है। लड़की उत्तर प्रदेश के मुराद नगर की रहने वाली है।

 

वहीं लड़का दिल्ली के खिजराबाद गांव का निवासी है। मगर बिधूड़ी गोत्र के लोगों को यह फैसला नहीं भाया। इसके बाद गांव में पंचायत आयोजित की गई और परिवार पर शादी को कैंसिल करने का दबाव बनाया गया। चेची और बिधूड़ी गोत्र गुर्जर जाति का हिस्सा हैं। बावजूद इसके लड़के के गांव के रहने वाले बिधूड़ी गोत्र के लोग विवाह के खिलाफ है। 

 

 

 

 

भावी दूल्हे के पिता राकेश ने लगातार मिल रही धमकियों के बाद दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। उनके अधिवक्ता सुधीर नागर और मोहित सिंह ने हाई कोर्ट का बताया कि बिधूड़ी गोत्र के लोग याचिकाकर्ता को शादी रद्द करने का दबाव बना रहे हैं। परिवार को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। लगातार पंचायतें की जा रही हैं। 8 दिसंबर को कुछ लोगों ने परिवार को धमकाया। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया। पुलिस से शिकायत के बाद भी धमकियां मिल रही हैं।

 

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दूल्हे और परिवार को मिली सुरक्षा

तमाम दलीलों को सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के परिवार को सुरक्षा प्रदान की। भावी दूल्हे सागर को भी सुरक्षा दी गई है। न्यायमूर्ति रविंदर दुडेजा ने दिल्ली पुलिस को बिधूड़ी गोत्र के लोगों से बातचीत करके विववाह संपन्न कराने का निर्देश दिया है। 

'विवाह का विरोध करना बेतुका'

याचिकाकर्ता के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि खिजराबाद में चेची गोत्र के लोगों की आबादी कम है। विवाह फरवरी 2026 में होना है। हिंदू विवाह अधिनियम- 1955 के तहत याचिकाकर्ता के बेटे का बिधूड़ी गोत्र की लड़की से शादी करने में कोई भी कानूनी बाधा नहीं है। विवाह का विरोध अवैध, बेतुका, रीति-रिवाजों और सामाजिक मानदंडों के खिलाफ है। 

 

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घर के बाहर पेट्रोलिंग करेगी पुलिस

याचिका में यह भी कहा गया कि होने वाली दुल्हन का संबंध उत्तर प्रदेश से है। दिल्ली के खिजराबाद गांव के किसी भी ग्रामीण से कोई रिश्ता नहीं है। उन्हें दोनों पक्षों के निजी फैसले में दखल देने का कोई अधिकारी नहीं है। अब हाई कोर्ट ने एसएचओ को याचिकाकर्ताओं से संपर्क बनाए रखने और घर के बाहर लगातार पेट्रोलिंग करने का निर्देश दिया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

 

 


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