नई दिल्ली में तालिबानी मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर क्यों मचा विवाद?
नई दिल्ली में तालिबान मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों पर बैन के मामले में हंगामा मच गया है। विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। आइये जानते हैं कि किसने क्या कहा?

विदेश मंत्री एस. जयशंकर और आमिर खान मुत्तकी। (Photo Credit: PTI)
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी छह दिन के भारत दौरे पर हैं। शुक्रवार को नई दिल्ली में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। खास बात यह रही कि उनकी प्रेसवार्ता में एक भी महिला पत्रकार को जाने की अनुमति नहीं मिली। सोशल मीडिया पर इसकी खूब आलोचना हो रही है। इस बीच कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को जाने की अनुमति नहीं देने को स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। यह देश की महिलाओं का अपमान है।
नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री एस जयशंकर और आमिर खान मुत्तकी के बीच बैठक हुई। इसके बाद मुत्तकी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक भी महिला पत्रकार नहीं थी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक भारत ने अफगान अधिकारियों को महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित करने का सुझाव दिया था।
आपकी चुप्पी खोखलेपन को उजागर करती: राहुल गांधी
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने तालिबान विदेश मंत्री के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बहाने पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'महाशय मोदी, जब आप महिला पत्रकारों को सार्वजनिक मंचों से बाहर रखने की इजाजत देते हैं तो आप भारत की हर महिला को यह बता रहे होते हैं कि आप उनके लिए खड़े होने के लिए बहुत कमजोर हैं।'
Mr. Modi, when you allow the exclusion of women journalists from a public forum, you are telling every woman in India that you are too weak to stand up for them.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 11, 2025
In our country, women have the right to equal participation in every space. Your silence in the face of such… https://t.co/FyaxxCteK6
राहुल गांधी ने आगे लिखा, हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का हक है। इस तरह के भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों के खोखलेपन को उजागर करती है।'
'हमारे देश में यह कैसे हुआ'
राहुल गांधी ने अपनी बहन और केरल से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा की पोस्ट साझा करके यह बात लिखी। प्रियंका ने भी अपनी पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, कृपया तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखने पर अपनी स्थिति स्पष्ट कीजिए। अगर महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक अपनी सुविधानुसार दिखावा नहीं है तो फिर भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया, जबकि महिलाएं ही इसकी रीढ़ और गौरव हैं।'
#WATCH | Delhi: On no women journalists allowed during Afghan FM Mawlawi Amir Khan Muttaqi’s press conference, Congress MP Ranjeet Ranjan says, "...This is our land where only our rules and protocols can be followed...their protocols can be allowed here as long as they don't… pic.twitter.com/7v7tD9GOic
— ANI (@ANI) October 11, 2025
'पुरुष पत्रकारों को बाहर चले जाना चाहिए था'
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा, 'भारत में महिला पत्रकारों पर प्रतिबंध। यह चौंकाने वाला और अस्वीकार्य है कि भारत सरकार ने इस पर सहमति जताई। वह भी नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की पूर्व संध्या पर। महिला पत्रकारों पर बैन के मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, 'मैं इस बात से स्तब्ध हूं कि अफगानिस्तान के आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया। मेरे निजी विचार से पुरुष पत्रकारों को तब बाहर चले जाना चाहिए था, जब उन्हें पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को बाहर रखा गया है या आमंत्रित नहीं किया गया है।
बेहद निराशाजनक घटना: मनोज झा
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद मनोज यादव का कहना है कि यह केवल एक प्रक्रियागत चूक नहीं है, बल्कि समानता, प्रेस की स्वतंत्रता और लैंगिक न्याय के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रतीकात्मक आत्मसमर्पण है। एक ऐसे देश के लिए जिसने खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी का समर्थक होने पर गर्व किया है। यह घटना बेहद निराशाजनक और राजनीतिक रूप से अदूरदर्शी है। यह भारतीय महिलाओं और वैश्विक समुदाय को गलत संदेश देता है कि सुविधा ने दृढ़ विश्वास पर जीत हासिल कर ली है।
By not allowing women journalists to attend the press conference of the Taliban Foreign Minister, India has compromised its own moral and diplomatic standing. This is not just a procedural lapse but a symbolic surrender of India’s long-cherished commitment to equality, freedom of… pic.twitter.com/nUxk82v1pc
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) October 11, 2025
टीएमसी भी केंद्र पर हमलावर
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने घटना को हर भारतीय महिला का अपमान करार दिया। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की। महुआ मोइत्रा ने एक्स पर लिखा, 'सरकार ने तालिबान मंत्री को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देकर हर भारतीय महिला का अपमान किया है। यह रीढ़विहीन पाखंडियों का शर्मनाक समूह है।'
Govt has dishonoured every single Indian woman by allowing Taliban minister to exclude women journalists from presser. Shameful bunch of spineless hypocrites. pic.twitter.com/xxnqofS6ob
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 10, 2025
कमजोर सरकार का आत्मसमर्पण: सागरिका घोष
तृणमूल सांसद सागरिका घोष ने कहा, दिल्ली में तालिबान की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखना अस्वीकार्य और घृणित है। यह कोई बहुत चतुराईपूर्ण जियोपॉलिटिक्स कूटनीति नहीं है, बल्कि कमजोर और असफल नरेंद्र मोदी गठबंधन सरकार का आत्मसमर्पण है।
और पढ़ें
Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies
CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap