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पीलीभीत एनकाउंटर: काम की तलाश में गए थे, ढेर हुए, क्या कह रहा परिवार?

खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स को गृह मंत्रालय ने आतंकी सगंठन घोषित किया है। इसका सरगना रणजीत सिंह नीता भारत में वॉन्टेड है। पीलीभीत में इसी संगठन के तीन संदिग्धों को पुलिस ने ढेर किया है।

Pilibhit Encounter

संदिग्धों के परिजन कह रहे हैं कि उनके बच्चे निर्दोष थे। (फाइल फोटो)

सोमवार को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में हुआ एक एनकाउंटर सुर्खियों में है। पुलिस के मुताबिक खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के संदिग्ध आतंकी गुरविंदर सिंह, जसनप्रीत सिंह और वरिंदर सिंह को एनकाउंटर में ढेर किया गया है। 

पंजाब पुलिस ने मुठभेड़ के बाद लाशों तस्वीरें जारी की हैं, जिन्हें देखने के बाद लोग एनकाउंटर पर ही सवाल खढ़े कर रहे हैं। तीनों संदिग्धों को सोमवार की सुबह पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस के संयुक्त अभियान में मार गिराया गया। 

'बच्चे आतंकी नहीं थे'
संदिग्धों के परिजन कह रहे हैं कि उनके बच्चे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से नहीं जुड़े थे। उन्होंने पुलिस के इस एक्शन को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पीलीभीत एनकाउंटर पर टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि यह मुठभेड़ तब हुई है, जब चोरी की गई बाइक पर सवार लोग नेपाल सीमा पार कर रहे थे। 

क्या कह रहे हैं संदिग्धों के घर वाले?
पंजाब के गुरदासपुर से तीनों ताल्लुक रखते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक तीनों के परिवार और पुलिस के बयानों में बड़ा अंतर है। गुरदासपुर जिले के निक्की साहूर और अगवान गांवों के साथ-साथ कलानौर कस्बे के लोग जुटे और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। लोगों का कहना है कि तीनों मजदूर थे। एक शख्स संदिग्ध ड्राइवर था।

'काम की तलाश में था गुरविंदर'
गुरविंदर की मां सरबजीत कौर का कहना था कि उसका बेटा 6 दिनों से लापता था। वह काम की तलाश में बटाला गया था। अमृतसर में भी उसे परिवार ने तलाशा। पुलिस घर आई और बताने लगी कि उसे मुठभेड़ में मार दिया गया है। उसकी दो अन्य आरोपियों से दोस्ती थी जो अक्सर घर आते थे।

गुरविंदर के पिता गुरदेव सिंह पेशे से दिहाड़ी मजदूर हैं। उनका कहना है कि उनका बेटा किसी आतंकी संगठन का हिस्सा नहीं है, वह अच्छे काम की तलाश कर रहा था। गुरविंदर पर पहले भी एक केस चल रहा है, जिसमें एक लड़के को डुबाने के उस पर आरोप हैं। अगले ही महीने उस केस की सुनवाई है। 

'ड्राइवर बनने गया था वरिंदर'
अगवान गांव में वरिंदर का घर बंद था। एक पड़ोसी ने कहा है कि वह एक ट्रक ड्राइवर और एक्स सैनिक का बेटा था। पड़ोसियों को भी इस पर यकीन नहीं है। लोगों का कहना है कि वह सुलझा हुआ इंसान था। 

'3 महीने पहले शादी, अब लुटा सुहाग'
निक्की साहूर गांव में जसनप्रीत की पत्नी गुरनीत कौर का कहना है कि वह मंगलवार को ड्राइविंग की नौकरी तलाशने निकला ता। शादी को तीन महीने ही हुए हैं। गुरनीत ने पति के ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया है। उसने कहा कि अभी तीन महीने ही शादी को हुए हैं और उससे उसकी बात ही नहीं हो पाई। सीधे मौत की खबर मिली।

जसनप्रीत की मां परमजीत कौर का कहना है ह एक मजदूर था। वह पढ़ा-लिखा नहीं था। वह ऐसे किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता है। बेटे के न्याय के लिए सही जांच की मांग है।

पुलिस मुठभेड़ पर क्या कह रही है?
पीलीभीत के एसपी अविनाश पांडे ने तस्वीरों के बाद उठ रहे सवालों को एक सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा, 'पंजाब पुलिस ने तीनों के बारे में सोमवार को सुबह करीब 4.30 बजे हमें जानकारी दी। इसके बाद संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस की कार्रवाई पर संदेह करने वाली कोई बात ही नहीं है।' पुलिस का कहना है कि सुबह मुठभेड़ शुरू हो गई। सुबह करीब 6 बजे तीनों को पुलिस ने ढेर कर दिया।

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