कनाडा के खिलाफ दिल्ली में क्यों भड़के हैं सिख?
देश
• NOIDA 10 Nov 2024, (अपडेटेड 10 Nov 2024, 4:50 PM IST)
हिंदू सिख ग्लोबल फोरम ने दिल्ली में कनाडा उच्चायोग के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सच्चे सिख खालिस्तानी नहीं हो सकते हैं। माजरा क्या है, आइए जानते हैं।
दिल्ली में कनाडा उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी। (वीडियो स्क्रीनग्रैब)
कनाडा में खालिस्तान के बढ़ते प्रभाव के बीच, राजधानी दिल्ली में कुछ सिख संगठन नाराज हैं और सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतरे हैं। रविवार को कनाडा उच्चायोग के बाहर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी सिखों ने चाणक्यपुरी में विरोध प्रदर्शन किया। हिंदू-सिख ग्लोबल फोरम के सैकड़ों सदस्यों ने हिंदू मंदिरों पर कनाडा में हुए हमलों को लेकर नाराजगी जाहिर की।
कनाडा हाईकमीशन के बाहर प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहे। प्रदर्शनकारियों को तीन मूर्ति रोड पर ही रोक दिया गया। संगठन के लोग इतने नाराज थे कि वे बैरिकेड तोड़कर उन पर चढ़ने लगे। सिख प्रदर्शनकारियों के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
क्या हैं प्रदर्शनकारियों के नारे?
प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर हैं। कुछ में लिखा है कि कनाडा के मंदिरों में हो रहे हमलों को रोको, कुछ में लिखा है कि सिख-हिंदू एकता जिंदाबाद। एक पोस्टर में लिखा कि सच्चा सिख खालिस्तानी नहीं हो सकता। कुछ पोस्टरों में लिखा गया है कि आवाज दो, हम एक हैं। कुछ महिलाएं भी पोस्टर लेकर बैरिकेड पर खड़ी नजर आईं। उन्होंने भी कौमी एकता के नारे लगाए।
एक तरफ प्रदर्शनकारी, दूसरी तरफ पुलिस
कनाडा हाईकमीशन की ओर बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात हैं तो दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी खड़े हैं। पुलिस के लिए प्रदर्शनकारियों को संभालना मुश्किल हो रहा है। प्रदर्शनकारी इस बात से बेहद नाराज हैं कि कनाडा में भारत के खिलाफ साजिश चलाई जा रही है, हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। जस्टिन ट्रूडो सरकार, खालिस्तानियों को समर्थन दे रही है। भारत में इसे लेकर नाराजगी देखने को मिल रही है।
क्या चाहता है हिंदू सिख ग्लोबल फोरम?
हिंदू-सिख ग्लोबल फोरम के अध्यक्ष तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा, 'आतंकवाद के नाते एक पूरी पीढ़ी बर्बाद हो गई। उन्हें या तो मार दिया गया, या वे दूसरे देशों में भाग गए। उन्होंने हमारी युवा पीढ़ी को बर्बाद करने के लिए ड्रग्स की शुरुआत की। अब जब पंजाब में विकास हो रहा है, तब उन्होंने धर्म परिवर्तन शुरू कर दिया। अब मंदिरों पर हमला कर रहे हैं। यह गलत और दुर्भाग्यपूर्ण है।'
तरविंदर सिंह का कहना है कि हिंदुस्तानी सिख और हिंदू एकसाथ हैं। एक सच्चा सिख कभी खालिस्तानी नहीं हो सकता। अगर वे अलग राष्ट्र चाहते हैं तो उन्हें इसे खुद तक सीमित करना होगा। वह कहते हैं कि हमारे तिरंगे और हमारे देश का हर वक्त सम्मान हो। भारत के सिख भारत के साथ खड़े हैं, इसलिए खालिस्तान का समर्थन नहीं करते हैं।'
कनाडा में हुआ जो भड़के हैं हिंदुस्तानी सिख?
कनाडा में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाकर हमले किए गए हैं। 3 नवंबर को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर एक हमला हुआ था। हमले में खालिस्तानी चरमपंथी शामिल थे। उन्होंने कनाडा में रह रहे, हिंदुओं के साथ झगड़ा किया था। लोगों को गंभीर चोटें आई थीं। हमले की भारत और कनाडा सरकार ने आलोचना की थी। कनाडा में हिंदू विरोधी भावना लगातार बढ़ रही है।
ब्रैम्पटन मंदिर के बाहर भी हिंदू समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया था। मिसिसॉगा में भी विरोध प्रदर्शन हुए। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के पुलिस अधिकारी हरिंदर सोकी को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए निलंबित तक कर दिया गया था। इसी प्रदर्शन के दौरान खूब भारत विरोधी नारे लगाए गए थे।
#WATCH | Delhi: People of the Hindu Sikh Global Forum on their way to the High Commission of Canada, Chanakyapuri, to protest against the attack on a Hindu Temple in Canada, were stopped at Teen Murti Marg by Police. pic.twitter.com/ONaXu46gJi
— ANI (@ANI) November 10, 2024
मंदिर पर हुए हमले के बाद हिंसा और प्रदर्शनों के सिलसिले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के एक टॉप लीडर इंद्रजीत गोसल को गिरफ्तार किया गया है। इंद्रजीत गोसल, हरदीप सिंह निज्जर का दोस्त है, इसने इस हमले में हथियार से हमला किया था। कनाडा में भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा को लेकर विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने निंदा की है। कनाडा के अधिकारियों का कहना है कि भारतीय मंदिरों की हिफाजत की जाए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन हमलों को चिंताजनक बताया है, वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई है कि कनाडा की सरकार, इसे रोकने के लिए आगे आएगी।
STORY | Security upped outside Canadian High Commission due to protest against temple attack
— Press Trust of India (@PTI_News) November 10, 2024
READ: https://t.co/G57YsVaKAU pic.twitter.com/cuDn31hUuD
इतने तल्ख क्यों हो गए हैं कनाडा-भारत के रिश्ते?
कनाडा, खालिस्तान आंदोलन का गढ़ बन चुका है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि भारतीय अधिकारी, इस हत्या के पीछे शामिल हैं। भारत ने इन आरोपों से इनकार कर दिया था। भारत ने कहा था कि ये बेहद बेतुका है। भारत ने यह भी कहा है कि कनाडा, खालिस्तानियों और भारत विरोधी साजिशों को अंजाम देने वाले लोगों को शरण दे रहा है।
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