उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मंगलवार को क180 साल पुरानी एक मस्जिद के एक हिस्से को ढहा दिया गया। कथित रूप से मस्जिद का वह हिस्सा शहर में बांदा-फतेहपुर रोड के ऊपर अतिक्रमण कर रहा था।
जिला प्रशासन का कहना है कि नूरी मस्जिद को अतिक्रमण हटाने का नोटिस पहले ही दे दिया गया था, लेकिन जब मस्जिद कमेटी ने इस मामले में अतिक्रमण हटाने के बजाय इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया तो प्रशासन ने आगे की कार्रवाई की।
मीडिया को दिए एक बयान में फतेहपुर से एडीएम, वित्त एवं राजस्व, अविनाश त्रिपाठी ने कहा, 'कमेटी ने कोई याचिका हाईकोर्ट में डाली है लेकिन सुनवाई के लिए इसे अभी सूचीबद्ध नहीं किया गया है।' उन्होंने आगे स्पष्ट करते हुए कहा, 'आज जो स्ट्रक्चर ढहाया गया है, उसका निर्माण पिछले तीन वर्षों में हुआ था और मस्जिद की मुख्य इमारत बरकरार है'
अगस्त में हटाने की दी थी नोटिस
त्रिपाठी के अनुसार, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने दुकानदारों, मकान मालिकों और मस्जिद समिति सहित 139 लोगों को अगस्त में सड़क पर अतिक्रमण करके बनाए गए ढांचों को हटाने के लिए नोटिस जारी किया था। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी ने 'सड़क को मजबूत करने और नालियों के निर्माण का काम शुरू करने' के लिए अतिक्रमण हटाने की मांग की थी।
एडीएम त्रिपाठी ने कहा, "पीडब्ल्यूडी ने सभी इमारतों के अतिक्रमित हिस्से को चिह्नित किया था। नोटिस पाने वाले सभी लोगों ने सितंबर में अतिक्रमण हटा लिया। मस्जिद कमेटी ने मस्जिद के बगल में बनी दुकानों के द्वारा किए गए अतिक्रमण वाले हिस्से को भी ढहा दिया था। समिति ने मस्जिद का हिस्सा बनने वाले ढांचे को हटाने का आश्वासन दिया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।"
PWD ने की थी सुरक्षा की मांग
पीडब्ल्यूडी ने मस्जिद के कथित अतिक्रमण वाले हिस्से को ढहाए जाने के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रशासन से मदद मांगी थी। त्रिपाठी ने कहा कि मौके पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल मौजूद था। उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ के दौरान कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ।