रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के युद्ध से दुनिया की अर्थव्यवस्था डामाडोल हो गई है। ऐसे में इसका सबसे अधिक फायदा ग्लोबल गिरोह को मिल रहा है।
संगठित अपराधी और ग्लोबल गिरोह मौजूदा हालातों का जमकर फायदा उठा रहे है और अपराध की दुनिया में तेजी से अपना कदम बढ़ा रहे है। दुनियाभर में अपना विस्तार कर रहे इन संगठनों से कई देशों को नुकसान पहुंच सकता है।
दी जा रही चेतावनी
इसको लेकर जग्रेन स्टॉक ने कहा कि गिरोहों और संगठित अपराधों के खिलाफ जंग कमजोर होती जा रही है। 10 साल तक इंटरपोल के महासचिव पद पर रहे जर्गेन ने इसको लेकर चेतावनी दी है। वहीं, संगठित अपराध पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसनेशनल ऑर्गनाइज्ड क्राइम के डायरेक्टर मार्क शॉ ने ग्लोबल गैंग के विस्तार के 3 कारण बताए।
3 कारण कौन से...?
एन्क्रिप्टेड मोबाइल ऐप, क्रिप्टो करेंसी और सिंथेटिक ड्रग्स से ग्लोबल गैंग को भारी कमाई हो रही है। दरअसर, इससे अपराधियों को एक-दूसरे से जुड़े रहने में मदद तो मिलती ही है साथ ही अपनी कमाई को ट्रांसफर भी आसानी से कर लेते है।
क्या है पॉलीक्राइम?
अपराधियों की गैंग अब पॉलीक्राइम पर उतर गई है। ड्रग्स, पायरेटेड सॉफ्टवेयर और वन्यजीवों से लेकर मानव तस्करी इस क्राइम में शामिल है। आपको बता दें कि वेनेजुएला का एक गिरोह 'ट्रेन डे अरागुआ' की लगभग पूरी कमाई केवल मानव तस्करी से ही आती है।
इन देशों के गैंग के बारे में जानिए
इटली के माफिया गैंग एनड्रांगेटा की कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी देशों तक ब्रांच फैला हुआ है। इसका नेटवर्क 40 देशों तक है। हैरानी तो इस बात की है कि इस गैंग का सालाना टर्नऑवोर 4.22 लाख करोड़ रुपये है जो कि बोत्सावा देश की जीडीपी से दोगुना माना जाता है।
इसके अलावा, ब्राजील का गिरोह फर्स्ट कैपिटल कमांड, आपराधिक बाजार की नियामक एजेंसी है। इसके 26 देशों में 40 हजार सदस्य और 60 हजार सहयोगी है।
वहीं, अल्बानिया के क्रिमिनल गैंग का भी विस्तार बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा कोलंबियाई गुरिल्ला गैंग फार्क ने वर्षों तक मैक्सिको के सिनालोआ कार्टेल के साथ भी काम किया है।
हत्या जैसे अपराध कम, साइबर क्राइम का क्या हाल?
चेनैलिसिस नामक डेटा कंपनी का अनुमान है कि 2023 तक रैनसमवेयर हमलों से अवैध कमाई 64 हजार करोड़ रुपये हो जाएगी। वहीं, दुनिया में हत्या की दर में लगभग एक चौथाई गिरावट आई है।