महाविकास अघाड़ी और समाजवादी पार्टी में तकरार आ गई है। सपा नेता अबू आज़मी ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन से बाहर निकलने का ऐलान कर दिया हैं। आजमी के अचानक से लिए गए इस फैसले के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है।
अब इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी कभी-कभी 'बीजेपी की बी टीम' की तरह व्यवहार करती है।
'बीजेपी की बी टीम'
हालांकि, ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को संदर्भित नहीं करती है। उन्होंने कहा, 'अखिलेश जी लड़ रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र में वो कभी-कभी बीजेपी की बी टीम की तरह व्यवहार करते हैं। हमने पहले भी ऐसा देखा है।' आज़मी की घोषणा एक समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन और शिवसेना यूबीटी विधान परिषद के एक सदस्य द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाने के बाद आई है, जो पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाते हैं।
बरी मस्जिद विध्वंस पोस्ट से बढ़ा विवाद
दरअसल, 6 दिसंबर को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के 32 साल पूरे हुए थे। इसको लेकर सेना (यूबीटी) नेता मिलिंद नार्वेकर ने विध्वंस की एक तस्वीर और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के एक कथन के साथ एक सोशल मीडिया पोस्ट डाली। इस पोस्ट में लिखा था कि 'मुझे उन लोगों पर गर्व है जिन्होंने यह किया।'
'भाजपा और उनमें क्या अंतर'
पोस्टर में उद्धव ठाकरे और उनके विधायक बेटे आदित्य ठाकरे की तस्वीरें भी थीं। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए आज़मी ने कहा, 'शिवसेना (यूबीटी) द्वारा एक समाचार पत्र में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने वालों को बधाई देने के लिए एक विज्ञापन दिया गया था। उद्धव ठाकरे के सहयोगी ने भी मस्जिद के विध्वंस की प्रशंसा करते हुए एक्स पर पोस्ट किया है। हम एमवीए छोड़ रहे हैं। मैं (समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष) अखिलेश यादव से बात कर रहा हूं। अगर एमवीए में कोई भी ऐसी भाषा बोलता है, तो भाजपा और उनमें क्या अंतर है? हम उनके साथ क्यों रहें?'आजमी ने आगे कहा कि, 'कांग्रेस को यह तय करना है कि वह इस तरह की बातें करने वाले किसी व्यक्ति के साथ गठबंधन कर सकती है या नहीं।'
ठाकरे ने कहा, 'हमारा हिंदुत्व स्पष्ट है, हमने कभी नहीं कहा कि हम हिंदुत्ववादी नहीं हैं। हमारे हिंदुत्व में दिल में राम और हाथ में काम है। हमारा हिंदुत्व सबको साथ लेकर चलता है। बी टीमों को हमें नहीं सिखाना चाहिए, महाराष्ट्र ने देखा है कि उद्धव ठाकरे ने सबको साथ लेकर आगे बढ़ाया।'