असम में बंगाली मूल के मुस्लिमों के लिए मियां शब्द का खूब इस्तेमाल होता है। यह मुद्दा विधानसभा सत्र में भी उठाया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक इस शब्द का लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही दो दिनों तक नहीं चल पाई।
विपक्षी नेताओं का कहना है कि मियां शब्द का इस्तेमाल राज्य में राजनीतिक संस्कृति का हिस्सा बन रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अपने बचाव में कहा है कि किसी को मियां कहना अपराध नहीं है। बीजेपी नेता सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र करके अपना बचाव कर रहे हैं।
मियां पर क्यों ठनी है रार?
सुप्रीम कोर्ट ने हाल में ही एक केस की सुनवाई में कहा था कि किसी को मियां-तियां और पाकिस्तानी कहना खराब लग सकता है लेकिन यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से जुड़ा अपराध नहीं है। विधानसभा सदन में भी विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मियां कहना अपराध नहीं है।
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असम विधानसभा में हंगामा
मंगलवार को विधानसभा पहले 20 मिनट तक स्थगित रही, फिर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और सिंचाई मंत्री अशोक सिंघल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के सभी विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
अशोक सिंघल ने ढेकियाजुली में एक कार्यक्रम के दौरान एक बयान दिया था, जिस पर हंगामा बरपा है। असम में भओना नव-वैष्णव परंपरा में धार्मिक संदेश देने वाला एक पारंपरिक नृत्य नाटक है। वह इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने कहा, 'मियों को दुकानें लगाने की अनुमति न दें।'
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अशोक सिंघल एक वायरल वीडियो में कह रहे हैं, 'हमारे लड़के ईद में नहीं घुसते। हर किसी की अपनी जगह होती है। आपका अपना खाना है, आपके अपने कपड़े हैं, आपकी अपनी परंपराएं हैं। उनकी अपनी परंपराएं हैं। आप उन्हें यहां दुकानें लगाने देते हैं। यह मेरे विधानसभा क्षेत्र में यह नहीं हो सकता।'
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'मियां शब्द सांप्रदायिक नहीं'
विधानसभा की अध्यक्षता कर रहे उपसभापति नुमाल मोमिन ने कहा कि यह कार्यवाही सदन से हटा दी जाएगी लेकिन मियां शब्द में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है। रफीकुल इस्लाम ने का कहना है कि सत्ता में बैठे लोग ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, यह विधानसभा की मर्यादा खत्म कर रहा है, लोकतंत्र का क्षरण हो रहा है और यह राजनीतिक संस्कृति बनती जा रही है।
विपक्ष ने क्यों किया हंगामा?
AIUDF विधायक रफीकुल इस्लाम ने मंगलवार को विधानसभा में अशोक सिंघल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाना चाहा। अध्यक्ष ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। 15 मिनट के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित रही। कांग्रेस विधायक शेरमन अली पर आरोप लगा कि वह विधानसभा में मंत्रियों के जवाबों पर अशोभनीय और असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया है।