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'पार्टी की उम्मीद को...' शशि थरूर की कांग्रेस ने ही क्यों की आलोचना?

केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर की उनकी ही पार्टी ने आलोचना की है। केरल कांग्रेस के मुखपत्र 'वीक्षणम डेली' ने थरूर का नाम लिए बगैर उनकी आलोचना की है।

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर। (File Photo Credit: PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केरल सरकार की तारीफ कर कांग्रेस सांसद शशि थरूर अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं। केरल कांग्रेस के मुखपत्र 'वीक्षणम डेली' ने एक संपादकीय में थरूर का नाम लिए बिना उन्हें नसीहत दी है। संपादकीय में लिखा है कि इस तरह की बयानबाजी से हजारों कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को धोखा नहीं देना चाहिए।


केरल की तिरुवनंतपुरम सीट से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात की तारीफ की थी। उन्होंने केरल सरकार की भी तारीफ की थी। इसे लेकर केरल कांग्रेस के मुखपत्र में थरूर की आलोचना की गई है।

 

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क्या कहा था थरूर ने?

14 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात हुई थी। शशि थरूर ने इसकी तारीफ की थी। थरूर ने कहा था, 'ट्रंप के साथ मुलाकात की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उससे लगता है कि समस्याओं का समाधान किया गया और नतीजे अच्छे हैं। जल्दबाजी में कोई फैसला लेना निर्यात पर असर डाल सकता है।' 


अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर थरूर ने कहा था, 'प्रधानमंत्री मोदी ने बंद दरवाजों के पीछे ट्रंप के सामने भारतीयों के साथ हुए बर्ताव पर विरोध जताया होगा।' इसके अलावा उन्होंने केरल के स्टार्टअप सेक्टर की तारीफ भी की थी, जिसे पिनराई विजयन की लेफ्ट सरकार की उपलब्धि के तौर पर देखा गया।


जब विवाद बढ़ा तो थरूर ने कहा, 'सरकार अगर अच्छा काम करती है तो उसकी तारीफ होनी चाहिए। गलत करती है तो आलोचना भी होगी।' उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ देशहित में की थी। 

 

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कांग्रेस के मुखपत्र में क्या कहा गया?

केरल कांग्रेस के मुखपत्र 'वीक्षणम डेली' ने शशि थरूर का नाम लिए बिना उनकी आलोचना की। इसमें लिखा, 'प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात कोई बड़ी बात नहीं है। ये सिर्फ छवि सुधारने की कोशिश है।'


केरल सरकार की तारीफ करने पर संपादकीय में लिखा है, 'राज्य में जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर है। ऐसे में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को न तोड़ें। अगर अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद कांग्रेस की अगुवाई वाला UDF स्थानीय चुनाव नहीं जीत सका, तो ये विपक्ष के लिए बड़ा झटका होगा।'


संपादकीय में ये भी लिखा है कि 'जब कांग्रेस विधानसभा के अंदर और बाहर LDF सरकार की कमियों का विरोध कर रही है, तब पार्टी को अंदर से कमजोर करना आत्मघाती होगा।' इसमें ये भी लिखा है कि केरल की विजयन सरकार ने उद्योगों को 'कब्रिस्तान' बना दिया है।

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