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'चप्पल मत मारो', अजित पवार से लव या हेट? तय नहीं कर पा रहे छगन भुजबल!

NCP नेता छगन भुजबल ने अपने समर्थकों को कहा है कि वे अजित पवार के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल न करें। यही भुजबल मंत्री पद के लिए भी जोर लगा रहे हैं।

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छगन भुजबल, Photo: Chhgana Bhujbal X Handle

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता छगन भुजबल बगावत के मूड में नजर आ रहे हैं। मंगलवार को महाराष्ट्र के येवला में अपने समर्थकों की एक मीटिंग में छगन भुजबल ने कहा कि वह मंत्री पद के लिए लड़ेंगे। एक तरफ तो वह अजित पवार के खिलाफ मोर्चा खोलने के मूड में हैं। दूसरी तरफ वह अजित के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर भी दिखा रहे हैं। आज जब छगन भुजबल के समर्थकों ने अजित पवार के पोस्टर लहराए और उनकी तस्वीरों पर जूते-चप्पल मारे तो भुजबल भड़क गए। उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि वे अपनी मांग उठाएं, गुस्सा जाहिर करें लेकिन इसके लिए सभ्य तरीका अपनाएं। कहा जा रहा है कि छगन भुजबल लगातार दबाव बना रहे हैं कि उन्हें महाराष्ट्र की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया जाए लेकिन अजित पवार इसके लिए तैयार नहीं हैं।

 

हाल ही में छगन भुजबल ने अपनी विधानसभा येवला में अपने समर्थकों से मुलाकात की। वह लगातार पांच बार इसी विधानसभा  सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं। छगन भुजबल ने यह भी कहा कि देवेंद्र फडणवीस भी चाहते थे कि उनको मंत्री बनाया जाए लेकिन अजित पवार ने ऐसा नहीं किया। छगन भुजबल ने कहा है, 'पिछली बार जब मैं राज्यसभा जाना चाहता था तब मुझे कहा गया कि उन्हें विधानसभा चुनाव लड़वाया गया। अब कहा जा रहा है कि राज्यसभा भेजा जाएगा। अब अगर मैं इस्तीफा देता हूं तो यह मेरे लोगों के साथ धोखा नहीं होगा?'

जूते-चप्पल पर क्या बोले छगन भुजबल?

 

दरअसल, पुणे में छगन भुजबल के समर्थकों ने कलेक्टर ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। छगन भुजबल को मंत्री बनाने की मांग कर रहे इन लोगों ने अजित पवार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनकी तस्वीर वाले पोस्टर पर जूते और चप्पल चलाए। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गया है। इस पोस्टर में अजित पवार की तस्वीर को लाल निशान से काटा भी गया था।

 

इसी को लेकर छगन भुजबल ने कहा है, 'अजित पवार के खिलाफ पोस्टर लहराना, उनकी तस्वीर पर चप्पल चलाना और उनके खिलाफ बोलना ठीक नहीं है, यह सब मत करिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो इसका मतलब है कि आप हमारी पार्टी के सदस्य नहीं है। अपना दुख और गुस्सा जाहिर करने पर कोई रोक नहीं है लेकिन आप इसे सभ्य शब्दों और सभ्य तरीके से करिए।'

 

 

रोचक बात यह है कि एक तरफ तो छगन भुजबल साफतौर पर अजित पवार के खिलाफ बगावत का ऐलान कर रहे हैं, दूसरी तरफ वह अपने समर्थकों को रोक भी रहे हैं कि वे अजित पवार के खिलाफ न बोलें। दरअसल, छगन भुजबल भी असमंजस में फंसे हैं कि उनका अगला कदम क्या होना चाहिए।

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