हिमाचल प्रदेश में इन दिनों खाने को लेकर राजनीति और बयानबाजियां जमकर हो रही हैं। प्रदेश में समोसा कंट्रोवर्सी के बाद अब 'जंगली मुर्गा' की एंट्री हो गई है। इस विवाद में कोई और नहीं बल्कि हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू हैं।
दरअसल, बीजेपी ने सीएम सुख्खू पर अपने सहयोगियों को लुप्त होने वाली प्रजाति जंगली मुर्गा (ग्रे जंगली मुर्गा) खाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने इसको लेकर मुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग की है। यह मामला शिमला के एक दूरदाराज के गांव का है।
ज्यादा तेल और मांसाहारी वाला खाना नहीं खाता
उधर बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए में सीएम सुख्खू ने कहा है कि वे अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से ज्यादा तेल और मांसाहारी वाला खाना नहीं खाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मांसाहारी खाना खाना गांवों में जीवन का एक तरीका है। खाने को लेकर मुद्दा बनाने के लिए उन्होंने बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा।
इनको जंगली मुर्गा दो, हमें थोड़ी खाना है...
एक वायरल वीडियो में मुख्यमंत्री सुख्खू कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, "इनको जंगली मुर्गा दो, हमें थोड़ी खाना है" और साथ ही अपने साथियों से पूछते हैं कि क्या उन्हें यह डिश चाहिए। बता दें कि यह डिनर शिमला जिले के टिक्कर इलाके में हुआ है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शैंडी और अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बीजेपी ने कहा है कि ग्रे जंगली पक्षी एक लुप्त होने वाली प्रजाति है जिसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित किया गया है। इस पक्षी का शिकार करना या खाना गैरकानूनी है, जिसके लिए जुर्माना और जेल सहित सजा का प्रावधान है।
बीजेपी का मुख्यमंत्री के ऊपर तंज
हिमाचल के बीजेपी प्रवक्ता चेतन ब्रागता ने मुख्यमंत्री के बयान आलोचना करते हुए इसे गैरजिम्मेदाराना बताया है। वहीं, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने भी मुख्यमंत्री सुख्खू पर अवैध दिश के सेवन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है उन्होंने कहा, 'यह न केवल कानूनी मुद्दा है, बल्कि गलत उदाहरण भी पेश करता है।' इसके अलावा धर्मशाला के बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने वन विभाग से जांच कर कार्रवाई करने का आग्रह किया।
कोई जंगली मुर्गा नहीं था- सीएम
विवाद पर मुख्यमंत्री सुख्खू ने कहा, 'मैं उस चीज के बारे में क्या कहूं जो हुई ही नहीं? यह कोई जंगली मुर्गा नहीं था, यह उनकी आदिवासी संस्कृति है। जब मैंने कहा कि मैं मांसाहारी भोजन नहीं खाता, तो उन्होंने कहा कि यह दुकान से खरीदा हुआ चिकन नहीं है, यह उनके गांव का देशी चिकन है। हम वहां खाने के लिए नहीं गए थे, हम वहां लोगों की समस्याएं सुनने गए थे। बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इस तरह के अनाप-शनाप मुद्दों को उठा रहे हैं।'
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 21 अक्टूबर को CID मुख्यालय पहुंचे थे। यहां पर उनके लिए तीन डब्बों में समोसे और केक मंगवाए गए थे। लेकिन हुआ यूं कि ये फूड आइटम्स सीएम के पास पहुंचने के बजाय सुरक्षाकर्मियों को सर्व कर दिया गया। इसके बाद इस पूरे मामले पर सीआईडी जांच बैठाई गई। सीआईडी ने यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की कि आखिर सीएम सुक्खू के लिए भेजे गए समोसे और केक कर्मचारियों को कैसे परोसे गए।