उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक नई नीति की घोषणा की जिसके तहत विधायकों को अवधी, ब्रज, बुंदेली, भोजपुरी इत्यादि यूपी की बोलियों में अपनी बात रखने की अनुमति मिलेगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'ये बोलियां हिंदी की उपभाषाएं हैं यानी कि उनकी बेटियां हैं। जो माननीय विधायक यहां बैठे हैं वे समाज के अलग अलग तबकों से आए हैं और उनका प्रतिनिधित्व करते हैं।'
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विपक्ष पर साधा निशाना साधा
उन्होंने कहा कि सदन में सभी लोग विशुद्ध साहित्यिक व्याकरण जानने वाले लोग नहीं हैं। अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति की भी वाणी को मुखरता मिले इसलिए अगर कोई अपनी बात को हिंदी में धारा प्रवाह नहीं रख सकता तो उसे अपनी बात भोजपुरी में भी रखने का अधिकार होना चाहिए, अवधी में भी अपनी बात रखने का अधिकार होना चाहिए।
इस दौरान विधानसभा में योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आप लोग अपने बच्चों को तो अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में पढ़ाते हैं और दूसरे के बच्चों को सरकार सुविधा देनी चाहती है तो कहते हैं कि उर्दू पढ़ाओ उसको यानी कि कठमुल्ला बनाओ उसको।
सार्थक चर्चा की अपील
इसके पहले योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष से सार्थक चर्चा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सदन की कार्रवाई सुचारु रूप से चल सके यह जिम्मेदारी सिर्फ सत्तापक्ष की ही नहीं है बल्कि विपक्ष की भी है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में डबल इंजन वाली बीजेपी सरकार ने यूपी के विकास के लिए जो मानक स्थापित किए हैं वे अभूतपूर्व हैं और इसकी झलक अभिभाषण के साथ साथ सदन के अंदर चर्चाओं में भी मिलती है।
स्पीकर सतीश महाना ने कहा कि विधानसभा की कार्रवाई को अब अंग्रेजी के साथ साथ इन चारों बोलियों में भी ट्रांसलेट किया जाएगा। यह राज्य को भाषायी रूप से और ज्यादा समावेशी बनाने में मदद करेगा।
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