कहीं समर्थन, कहीं सवाल, सीजफायर पर बिहार में सियासत
आम आदमी पार्टी का रुख सबसे अलग है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में एक रैली निकाली, जिसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PoK पर नियंत्रण हासिल करने का अहम मौका खो दिया। पढ़ें अलग-अलग पार्टियों के रुख क्या हैं।

सीजफायर पर सियासत। (Photo Credit: Khabargaon)
भारत में ऑपरेशन सिंदूर पर अब सियासत शुरू हो गई है। बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में राजनीतिक पार्टियां ऑपरेशन सिंदूर और संघर्ष विराम को सियासी मुद्दा बनाने में जुटी हैं। कांग्रेस पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने गौतम अदाणी को अमेरिका में बचाने के लिए सीज फायर कर दिया। कांग्रेस का तर्क है कि गौतम अदाणी पर अमेरिका में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, उनके खिलाफ डोनाल्ड ट्रम्प कार्रवाई न करने पाएं, इसलिए भारत ने अमेरिका के संघर्ष विराम प्रस्ताव पर सहमति दे दी।
दूसरी तरफ ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय जनता पार्टी, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ कर रही है। बीजेपी तिरंगा यात्रा निकाल कर रही है। बीजेपी के पोस्ट बिहार में छाए हैं। बीजेपी सैन्य ऑपरेशनों के पोस्टर छपवा रही है। बीजेपी यह उपलब्धियां गिना रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना ने कई सैन्य ऑपरेशन किए, जिनमें आतंकियों की कमर तोड़ दी गई। बिहार में बीजेपी के अलावा दूसरे सियासी दल ऑपरेशन सिंदूर को कैसे देख रहे हैं, आइए समझते हैं।
बिहार कांग्रेस का रुख क्या है?
बिहार कांग्रेस का रुख राष्ट्रीय जनता दल के रुख से अलग है। कांग्रेस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को सीजफायर पर घेर रही है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सीजफायर डोनाल्ड ट्रम्प के इशारे पर नहीं होना चाहिए था। यह सीज फायर तब ठीक होता, जब प्रधानमंत्री खुद इसका ऐलान करते। कांग्रेस का कहना है कि गौतम अदाणी को बचाने के लिए नरेंद्र मोदी ने सीज फायरकरा दिया। डोनाल्ड ट्रम्प को कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी का सीजफायर वाला दोस्त बता रही है।
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यह व्यापार का मामला है ?
— Bihar Congress (@INCBihar) May 14, 2025
या मित्रता का मामला है ?
या गड़बड़झाला है ?
सरकार को साफ - साफ देशवासियों को बता देना चाहिए। pic.twitter.com/cfK3SzTIAq
कांग्रेस ने तंज कसते हुए यहां तक कहा है कि 'पर्ची सिर्फ नागपुर से ही नहीं, न्यूयॉर्क से भी आती है।' कांग्रेस का कहना है कि नरेंद्र मोदी एक बार देश को संबोधित कर चुके हैं, एक बार जवानों को। दोनों बार वह डोनाल्ड ट्रम्प के उन बयानों पर चुप रहते हैं, जिनमें उन्होंने खुद को मध्यस्थता की सबसे बड़ी वजह बताई है। कांग्रेस को ऐतराज है कि कैसे एक संप्रभु देश अमेरिका के इशारों पर अपने व्यक्तिगत हितों को चोट पहुंचा रहा है।
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पर्ची सिर्फ नागपुर से ही नहीं,
— Bihar Congress (@INCBihar) May 13, 2025
न्यूयॉर्क से भी आती है! #Ceasefire
RJD का रुख क्या है?
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कर्ता-धर्ता तेजस्वी यादव ऑपरेशन सिंदूर के बहाने बिहारी बलिदान का जिक्र कर रहे हैं। एक जनसभा में उन्होंने मंगलवार को कहा, 'जब भी कोई दुश्मन हम लोगों को ललकारता है, या सरहद पर हमको चुनौती देता है तो बिहारी पीछे नहीं हटता है।' तेजस्वी यादव अपनी जनसभाओं में बिहारी गौरव का जिक्र कर रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तानी शेलिंग में शहीद हुए जवान रामबाबू प्रसाद का जिक्र करते हैं, कभी छपरा के रहने वाले BSF SI का। दोनों जवान पाकिस्तान की ओर से की गई शेलिंग में शहीद हुए हैं। तेजस्वी यादव शहीद मोहम्मद इम्तियाज के घर गए थे, उनके परिवार से मुलाकात की और श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लालू प्रसाद यादव से पीड़ित परिवार की बात भी कराई।
1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरतने हेतु बैठक की।
— Nitish Kumar (@NitishKumar) May 8, 2025
बैठक के दौरान राज्य के सभी सीमावर्ती जिलों में पूरी तरह चौकसी रखने का निर्देश दिया। आवागमन तथा किसी भी संदिग्ध व्यक्ति और वस्तुओं पर कड़ी नजर रखने को भी…
तेजस्वी यादव मुखर होकर ऑपरेशन सिंदूर पर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि संसदीय सत्र बुलाकर जवानों को धन्यवाद देना चाहिए। उन्होंने कहा, 'बहादुर सेना पर हमें गर्व है। हम उन सैनिकों को धन्यवाद कर पाएं। अगर हम लोग चाहते हैं कि पूरा देश को धन्यवाद दे।' तेजस्वी यादव संसद और विधानसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं।
LJP (रामविलास) का क्या रुख है?
लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) का रुख, भारतीय जनता पार्टी की तरह ही है। चिराग पासवान केंद्र के सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि भविष्य में अगर कभी पाकिस्तान के साथ बात हो केवल आतंकवाद और पीओके पर ही होगी। हर आतंकी जान चुका है कि बेटियों के माथे से सिंदूर मिटाने का अंजाम क्या होगा। पार्टी के नेता चिराग पासवान भी कमोबेश वही बातें कह रहे हैं जो भारतीय जनता पार्टी के नेता कह रहे हैं।
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JDU क्या सोच रही है?
जेडीयू का रुख, बीजेपी के साथ है। वैसे भी यह पार्टी केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर बीजेपी का समर्थन करती है। नीतीश कुमार भी सीमा पर शहीद हुए बीएएसएफ जवान को श्रद्धांजलि देने पीड़ित परिवार के घर पहुंचे थे। उन्होंने शहीद जवान के बेटे को सरकारी नौकरी देने का ऐलान भी किया था। गांव में स्मारक बनाने का भी ऐलान किया था।
मातृभूमि की रक्षा करते हुए छपरा निवासी बीएसएफ के सब इन्स्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज़ का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
— Janata Dal (United) (@Jduonline) May 11, 2025
देश की सेवा करते हुए जम्मू में सीमा पर वे शहीद हो गए।
जनता दल ( यूनाइटेड) परिवार आपके बलिदान को नमन करता है।
देश आपके बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।
जय हिन्द 🇮🇳 pic.twitter.com/eWyXA6M0pA
मुकेश सहनी क्या सोचते हैं?
मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) की इस मुद्दे पर केंद्र के साथ है। उन्होंने कहा, 'हमें अपनी वीर सेना के अद्वितीय शौर्य, अटूट त्याग और अटल समर्पण पर गर्व है। भारतवर्ष का प्रत्येक नागरिक सेना के साथ मजबूती से खड़ा है। जब-जब पाकिस्तान ने भारत की अखंडता और संप्रभुता को ललकारा, उसे हमारे वीर सपूतों ने करारा जवाब दिया, चाहे 1971 हो या कारगिल की ऐतिहासिक विजय। भारतीय सेना ने युद्ध के हर मोर्चे पर न केवल पराक्रम दिखाया, बल्कि अद्भुत संयम और मानवीय मूल्यों का भी परिचय दिया।'
मुकेश सहनी ने कहा, 'उन्होंने कभी निर्दोष नागरिकों और रिहायशी इलाकों को निशाना नहीं बनाया, जबकि पाकिस्तान बार-बार कायरतापूर्ण उकसावे की नीति पर चलता रहा। आज जब सीमाओं पर सीजफायर है तो पाकिस्तान को आत्ममंथन करना चाहिए और आतंकवाद के खात्मे की लड़ाई खुद लड़नी चाहिए। भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है, किंतु अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने का संकल्प भी रखता है।'
हमें अपनी वीर सेना के अद्वितीय शौर्य, अटूट त्याग और अटल समर्पण पर गर्व है। भारतवर्ष का प्रत्येक नागरिक सेना के साथ मजबूती से खड़ा है।
— Mukesh Sahani (@sonofmallah) May 10, 2025
जब-जब पाकिस्तान ने भारत की अखंडता और संप्रभुता को ललकारा, उसे हमारे वीर सपूतों ने करारा जवाब दिया, चाहे 1971 हो या कारगिल की ऐतिहासिक विजय।…
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा का रुख?
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी भी ऑपरेशन सिंदूर पर बीजेपी के साथ हैं। उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है। ऑपरेशन सिंदूर अब नया नॉर्म है।अब आतंकी हमला हुआ तो जवाब मुंहतोड़ मिलेगा। न्यूक्लियर हथियार की धमकी नहीं चलेगी। एक्शन होगा सरकार और आतंकी अलग अलग नहीं देखे जाएंगे। यानि अब अगर पाकिस्तान ने कुछ किया तो कार्रवाई यहीं से आगे बढ़ेगी ये क्लियर मेसेज दे दिया गया है। किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए। मोदी हैं तो भरोसा है।'
ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 12, 2025
ऑपरेशन सिंदूर अब नया नॉर्म है।अब आतंकी हमला हुआ तो जवाब मुंहतोड़ मिलेगा
न्यूक्लियर हथियार की धमकी नहीं चलेगी.. एक्शन होगा
सरकार और आतंकी अलग अलग नहीं देखे जाएंगे
यानि अब अगर पाकिस्तान ने कुछ किया तो कार्रवाई यहीं से आगे बढ़ेगी ये क्लियर मेसेज दे…
AIMIM का रुख क्या है?
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि भारत को सीजफायर का ऐलान करना चाहिए था, न कि डोनाल्ड ट्रम्प को। उन्होंने सरकार को सलाह दी है कि आतंक के खिलाफ जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल कर रहा है, तब तक पहलगाम के आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों का पीछा नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा था कि सीजफायर का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना चाहिए था न कि विदेशी देश के राष्ट्रपति को। भारत पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता है, जिसके बाद तीसरे देश की मध्यस्थता का विरोध करना चाहिए।
जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए अपनी ज़मीन का इस्तेमाल करता रहेगा, तब तक स्थायी शांति संभव नहीं है। #सीज़फायर हो या न हो, हमें #पहलगाम हमले के लिए ज़िम्मेदार आतंकवादियों का पीछा नहीं छोड़ना चाहिए।
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 10, 2025
जब जब बाहरी आक्रमण हुआ है मैं सरकार और सशस्त्र बलों के साथ खड़ा रहा… https://t.co/QJt3uMEWqJ
सबकी शिकायत क्या है?
एनडीए सरकार की विपक्षी पार्टियों का कहना है कि लड़ाई भारत-पाकिस्तान के बीच छिड़ी थी, डोनाल्ड ट्रम्प कैसे जंग रोकने का आदेश दे सकते हैं। सीजफायर का ऐलान तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना चाहिए था। अगर डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका में बैठकर भारत की राजनीति तय कर रहे हैं तो यह भारत की संप्रभुता का अपमान है। कांग्रेस का कहना है कि नरेंद्र मोदी ने गौतम अदाणी को बचाने के लिए अमेरिका के सामने घुटने टेक दिए। आम आदमी पार्टी भी कह रही है कि सरकार के पास पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस लेने का मौका था, सरकार ने छोड़ दिया।
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