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किसानों और वक्फ की लड़ाई में बुरे फंसे तेजस्वी सूर्या

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कांग्रेस कार्यकर्ता बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ धरना दे रहे हैं। धरने पर बैठने की वजह भी बेहद दिलचस्प है।

Tejasvi Surya

तेजस्वी सूर्या, भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं। (तस्वीर facebook.com/tejasjvisurya)

कर्नाटक की सियासत में वक्फ बोर्ड पर विजयपुरा के किसानों की 1500 एकड़ जमीन छीनने के संगीन आरोप लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) आरोप लगा रही है कि सिद्धारमैया सरकार, तुष्टीकरण के लिए किसानों को उनकी जमीन से बेदखल कर रही है। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या, अपनी पार्टी की ओर से इस मुहिम को जोर-शोर से सियासी मुद्दा बना रहे हैं। किसानों की समस्याएं सुलझाते-सुलझाते वे खुद एक खबर को लेकर कानूनी पचड़े में फंस गए हैं।

हावेरी पुलिस ने उनके खिलाफ एक FIR दर्ज किया है। उन्होंने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर दावा किया कि जैसे ही वक्फ बोर्ड ने एक किसान की संपत्ति हड़पी, उसने खुदकुशी कर ली। यह खबर, सोशल मीडिया पर आधारित थी, अब इस पर छानबीन और जांच की कवायद शुरू हो गई। 

मुख्यमंत्री कार्यालय के निशाने पर तेजस्वी सूर्या
मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि दो कन्नड़ अखबराों ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि हावेरी जिले के हनारागी गांव के रुद्रप्पा नाम के एक किसान ने आठ साल पहले खुदकुशी कर ली थी। उसे पता चला था कि उसकी 4 एकड़ जमीन, भू अभिलेखों में वक्फ की संपत्ति के तौर पर दर्ज है। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने गुरुवार को हुबली, विजयपुरा और बेलगावी का दौरा किया था। उन्होंने कुछ किसानों से मुलाकात भी की थी, जिसके बाद तेजस्वी सूर्या ने यह दावा किया। अब इस पर हंगामा बरपा है।

कहां दर्ज है FIR, आरोप क्या हैं?
साइबर क्राइम विभाग और आर्थिक अपराध और नार्कोटिक्स (CEN) पुलिस ने तेजस्वी सूर्या के खिलाफ FIR दर्ज की है। तेजस्वी सूर्या के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 353 (2) के तहत केस दर्ज हुआ है। न्याय संहिता की यह धारा कहती है, 'जो कोई भी ऐसा बयान प्रकाशित करेगा या फैलाएगा, माध्यम चाहे इलेक्ट्रॉनिक ही क्यों न हो, जिससे दो समुदायों के बीच दुर्भावना बढ़े, उसे 3 साल की सजा  या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।'

बीजेपी के यूथ विंग के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने सोशल मीडिया पर लिखा था, 'हावेरी में एक किसान ने अपनी जमीन वक्फ द्वारा अधिग्रहित होने के बाद आत्महत्या कर ली। सीएम सिद्धारमैया और मंत्री जमीर खान ने अल्पसंख्यकों को खुश करने की अपनी जल्दबाजी में तबाही मचा रहे हैं, जिन्हें हर बीतते दिन के साथ रोकना मुश्किल होता जा रहा है।' यह कन्नड़ ई-पेपर की एक रिपोर्ट थी, जिसे पुलिस ने झूठा बताया है।



JPC पर विपक्ष ने ही उठाए हैं सवाल
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के चेयरमैन जगदंबिका पाल, खुद विजयपुरा का दौरा कर चुके हैं और प्रदर्शनकारी किसानों से मुलाकात कर चुके हैं। उनके इस दौरे पर कांग्रेस पार्टी ने गंभीर सवाल भी उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि यह कैसी संसदीय समिति है, जिसमें न तो कोई विपक्ष का सांसद शामिल है, न ही संसदीय समिति के दूसरे सदस्य भी शामिल हैं। समिति के साथ दूसरे सांसद क्या कर रहे हैं। 

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