logo

ट्रेंडिंग:

J&K के LG का एक फैसला और टूट गई उमर अब्दुल्ला की कसम! समझिए पूरा केस

साल 2025 के लिए जम्मू-कश्मीर के राजपत्रित अवकाशों की लिस्ट ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। समझिए नेशनल कॉन्फ्रेंस को गुस्सा क्यों आया है।

Omar Abullah

जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला, Photo: Omar Abullah

चुनाव के दौरान नेता कई तरह के वादे करते हैं। जनता इन्हीं वादों पर ऐतबार करके उन्हें वोट देती है। अब अगर नेता वादा पूरा करना भी चाहे तो कई बार कुछ अड़चनें आ जाती हैं। ऐसा ही कुछ जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ हुआ है। चुनाव प्रचार के दौरान उमर अब्दुल्ला बार-बार कसम खाते थे कि वह 'शहीद दिवस' और शेख अब्दुल्ली की छुट्टी बहाल करवाएंगे। अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपनी एक कलम से उमर अब्दुल्ला की इन कसमों को फिलहाल तोड़ दिया है। साल 2025 के लिए जारी की गई राजपत्रित छुट्टियों की लिस्ट में इन दोनों को ही शामिल नहीं किया गया है।

 

उमर अब्दुल्ला के दादा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े नेताओं में से एक रहे हैं। पहले 5 दिसंबर को उनकी जयंती मनाई जाती थी। हालांकि, नए कैलेंडर में 5 दिसंबर को गैजटेड हॉलीडे नहीं रखा गया है। इतना ही नहीं, 13 जुलाई को मनाए जाने वाले शहीद दिवस को भी इस साल के कैलेंडर को शामिल नहीं किया गया है।

2020 में खत्म हो गई थीं छुट्टियां

 

बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने चुनावी मैनिफेस्टो में ऐलान किया था कि अगर उसकी सरकार बनती है तो 'शहीद दिवस' की छुट्टी बहाल की जाएगी। दरअसल, 2019 में जब अनुच्छेद 370 को समाप्त करके जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया तो उपराज्यपाल ने इन दोनों ही छुट्टियों को समाप्त कर दिया था।

 

 

बाद में महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन और विलय दिवस (26 अक्तूबर 1947) को राजपत्रित अवकाश की सूची में शामिल किया गया। इन दोनों को 2025 के कैलेंडर में भी जगह दी गई है लेकिन शेख अब्दुल्ला जयंती और 'शहीद दिवस' को बाहर ही रखा गया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार बनाने के बाद उमर अब्दुल्ला ने इन दोनों छुट्टियों को कैलेंडर में शामिल करने के लिए कोई प्रस्ताव रखा भी था या नहीं।

 

हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस पर नाराजगी जरूर जताई है। एनसी के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने X पर लिखा है, 'छुट्टिों की यह लिस्ट और यह निर्णय कश्मीर के इतिहास और लोकतांत्रिक संघर्ष के प्रति बीजेपी की उपेक्षा को दर्शाता है। इस फैसले से शेख अब्दुल्ला की विरासत कम नहीं हो जाएगी। ये छुट्टियां एक दिन फिर से शुरू की जाएंगी।'

 

 

Related Topic:#Omar Abdullah

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap