'नाराज हूं' से लेकर 'अंत भला तो सब भला', भुजबल के मंत्री बनने की कहानी
महाराष्ट्र में छगन भुजबल एक बार फिर मंत्री बन गए हैं। मंगलवार को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। शपथ के बाद उन्होंने कहा कि अंत भला तो सब भला।

मंत्री पद की शपथ लेते छगन भुजबल। (Photo Credit: PTI)
महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस की सरकार में एनसीपी नेता छगन भुजबल को भी आखिरकार जगह मिल ही गई। छगन भुजबल ने मंगलवार को मंत्री पद की शपथ ली। पिछले साल जब फडणवीस की सरकार बनी थी, तब उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी। इससे छगन भुजबल नाराज हो गए थे। हालांकि, अब मंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने कहा कि अंत भला तो सब भला।
छगन भुजबल की फडणवीस कैबिनेट में एंट्री का रास्ता तब खुला, जब एनसीपी कोटे से मंत्री बने धनंजय मुंडे ने इस्तीफा दे दिया था। मुंडे ने इस्तीफा इसलिए दिया था, क्योंकि उनके करीबी माने जाने वाले वाल्मीकि कराड को बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में आरोपी बनाया गया था। मुंडे के इस्तीफे के बाद फडवीस कैबिनेट में एनसीपी कोटे से छगन भुजबल को मंत्री बनाया गया है।
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तब कहा था- हां मैं नाराज हूं
छगन भुजबल की गिनती महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं में होती है। भुजबल सात बार के विधायक हैं। वे 2 बार मुंबई की मझगांव और 5 बार नाशिक की येवला सीट से विधायक हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने 26,400 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।
भुजबल को पिछली महायुति सरकार में मंत्री बनाया गया था। हालांकि, पिछले साल हुए चुनाव में सरकार बनने के बाद उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया था। इससे भुजबल काफी नाराज हो गए थे। उन्होंने कहा था, 'हां मैं नाराज हूं, तो क्या करूं।'
#WATCH | NCP leader Chhagan Bhujbal says, "If you are performing well at your job and still lose it, how will you feel, will you not get angry? Will you go around laughing?... I will never wish for somebody to lose their post..." (04.01) pic.twitter.com/HnV2Ajj9G2
— ANI (@ANI) January 5, 2025
तब भुजबल ने कहा, 'मैं देखता हूं कि क्या करना है। मुझे इस बारे में सोचने दीजिए। मैं अपनी विधानसभा के लोगों से बात करूंगा और समता परिषद से चर्चा करूंगा। मंत्रिमंडल में किसे शामिल करना है, यह पार्टी नेताओं का फैसला है। पार्टी नेताओं ने हमें बताया है कि नए लोगों को मौका देने के लिए वरिष्ठ नेताओं को शामिल नहीं किया गया है।' उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा था, 'मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं। अगर मुझे नजरअंदाज किया जाता है या बाहर निकाला जाता है तो इससे क्या ही फर्क पड़ता है?'
इसके बाद उन्होंने कहा था, 'जैसे नौकरी जाने से लोग नाराज होते हैं, ठीक उसी तरह मैं भी नाराज हूं।'
VIDEO | Maharashtra: NCP leader Chhagan Bhujbal takes (@ChhaganCBhujbal) oath as state Cabinet Minister in the presence of Maharashtra Governor C P Radhakrishnan, Maharashtra CM Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis), and Deputy CMs Ajit Pawar and Eknath Shinde.
— Press Trust of India (@PTI_News) May 20, 2025
(Full video available… pic.twitter.com/RBNN70RlmW
फरवरी में छगन भुजबल के राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा भी थी। इस पर भी भुजबल भड़क गए थे। उन्होंने कहा था, 'मुझे राज्यपाल बनाना, मेरे मुंह पर ताला लगाने जैसा है। राज्यपाल बनकर मैं क्या करूंगा? मेरा काम गरीबों और वंचितों के अधिकारों के लिए लड़ना है। क्या मैं राज्यपाल बनने के बाद यह लड़ाई जारी रख पाऊंगा?'
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अब बोले- अंत भला तो सब भला
मंत्री पद की शपथ लेने के बाद छगन भुजबल ने कहा, 'अंग्रेजी में कहते हैं न एवरीथिंग इज वेल इफ इट एंड्स वेल। आखिरी बार अच्छा हुआ तो सब अच्छा हुआ।'
#WATCH | Mumbai | After taking the oath as Maharashtra minister, NCP leader Chhagan Bhujbal says, "As it is said, 'everything is well if it ends well'. I have handled every responsibility, from the Home Ministry to everything. Whatever responsibility I'll be given, that will be… https://t.co/dykSnv4147 pic.twitter.com/hoVIoFjGrT
— ANI (@ANI) May 20, 2025
विभाग को लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा, 'यह तो मुख्यमंत्री तय करेंगे। उसमें कोई समस्या नहीं है। जो जिम्मेदारी देंगे, वह संभालेंगे। मैं 1991 से मंत्री बनते आया हूं। गृह मंत्रालय से लेकर सारे विभाग संभाले हैं।'
#WATH | Mumbai, Maharashtra | On NCP leader Chhagan Bhujbal taking oath as a minister in the Maharashtra government, DCM Eknath Shinde says, "Chhagan Bhujbal has been a minister earlier also and has led various departments. He is an experienced leader...I congratulate him and the… pic.twitter.com/0vq1OBYgc8
— ANI (@ANI) May 20, 2025
वहीं, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, 'छगन भुजबल पहले भी मंत्री रह चुके हैं। कई विभाग को संभाला है। अनुभवी मंत्री हैं। बालासाहेब ठाकरे के शिवसैनिक भी हैं। उनकी शुरुआत शिवसेना से हुई। कई पद उन्होंने संभाले हैं, इसलिए एक अनुभवी नेता के रूप में उनको जाना जाता है। आज उन्होंने फिर से शपथ ली है, मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं।' उन्होंने कहा कि छगन भुजबल को कौनसा विभाग देना है, यह मुख्यमंत्री तय करेंगे।
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बड़ा ओबीसी चेहरा हैं छगन भुजबल
फडणवीस कैबिनेट में छगन भुजबल की जगह ही धनंजय मुंडे को शामिल किया गया था। मुंडे के इस्तीफे के करीब ढाई महीने बाद भुजबल को कैबिनेट में जगह मिली है। छगन भुजबल महाराष्ट्र में एक बड़ा ओबीसी चेहरा हैं।
छगन भुजबल आज बड़े नेता हैं लेकिन एक वक्त वे सब्जी बेचा करते थे। राजनीति में आने से भुजबल मुंबई की भयखला मंडी में अपनी मां के साथ सब्जी बेचा करते थे। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत शिवसेना से की थी। 1973 में शिवसेना की टिकट पर पार्षद बने थे। 1985 में बाल ठाकरे ने उन्हें मुंबई का मेयर बनाया। हालांकि, 1991 में बाल ठाकरे से मतभेदों के चलते उन्होंने शिवसेना छोड़ दी। शिवसेना छोड़कर भुजबल कांग्रेस में आए। बाद में 1999 में शरद पवार ने जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) बनाई तो भुजबल इसमें शामिल हो गए।
छगन भुजबल उन नेताओं में है जिन्हें शरद पवार का करीबी माना जाता था। हालांकि, जुलाई 2023 में जब अजित पवार ने बीजेपी और शिवसेना की सरकार को समर्थन दिया और एनसीपी पर दावा किया तो भुजबल भी उनके साथ आ गए। पिछली शिंदे सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया था।
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