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मनमोहन सिंह का वह अध्यादेश जिसे राहुल गांधी ने फाड़ दिया था

राहुल गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अनबन की एक खबर सामने आई थी। वह इस्तीफा तक देने के लिए तैयार हो गए थे। माजरा क्या है, आइए समझते हैं।

Rahul Gandhi and Manmohan Singh

राहुल गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह। (तस्वीर-PTI)

तब देश में कांग्रेस की यूपीए सरकार थी। साल था 2013 और महीना अक्टूबर। सरकार की कमान डॉ. मनमोहन सिंह के हाथ में थी। वह एक अध्यादेश लेकर आए थे, जिसकी एक कॉपी राहुल गांधी ने मीडिया के सामने फाड़ दी थी। उनकी इस हरकत पर डॉ. मनमोहन सिंह हैरान थे। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या उन्हें अब पद पर बने रहना चाहिए।

तब राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष थीं। मनमोहन सिंह को लगने लगा था कि अब क्या उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। उन्होंने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया से यह तक पूछ लिया था कि क्या मुझे इस्तीफा देना चाहिए।

मोंटेक सिंह अहलूवालिया अपनी किताब 'बैकस्टेज द स्टोरी बिहाइंड इंडियाज हाई ग्रोथ ईयर्स' में इससे जुड़ा किस्सा शेयर किया था। उनके जवाब में मोंटेक सिंह ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर इस्तीफा देने का कोई तुक नहीं है। यह उचित नहीं होगा। 

विवादित अध्यादेश क्या था?
मनमोहन सिंह अमेरिका की यात्रा पर गए थे। दोषी करार दिए गए जनप्रतिनिधियों पर सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया था। उसके खिलाफ तत्कालीन यूपीए सरकार अध्यादेश लाई थी। इस अध्यादेश की राहुल गांधी ने भी आलोचना की थी और इसे फाड़ दिया था। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह बकवास है, इसे फाड़ देना चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या था?
सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला देते हुए कहा था कि दो साल से ज्यादा दिनों तक जेल की सजा पाने वाले सांसद और विधायकों की सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी जाए और वे अगला चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस फैसले को निरस्त करने के लिए सरकार ने लोक सभा में एक बिल पेश किया था, जिसे सदन ने पारित कर दिया था। मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह राहुल गांधी से बात करेंगे और उनकी नाराजगी की वजह जानना चाहेंगे। यह अध्यादेश सरकार ने वापस ले लिया था और पास ही नहीं हुआ था। 


अनबन की कहानी क्या है?

मनमोहन सिंह सार्वजनिक मंचों पर तो अपने इस्तीफे के प्रस्ताव की बात से इनकार करते रहे लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि वह इस फैसले से खुश नहीं थे। भारत के सीनियर आर्थिक नीति निर्धारक के तौर पर सेवाएं दे चुके मोंटेक सिंह बताते हैं कि एक आलेख में मनमोहन सिंह की आलोचना की गई है। वह आलेख उन्होंने मनमोहन सिंह को दिखा दिया था।


मनमोहन सिंह ने उस आलेख को पढ़ा और इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं। उन्होंने अचानक मोंटेक सिंह से सवाल किया कि क्या उन्हें इस्तीफा देना चाहिए? मोंटेक सिंह ने कहा नहीं। इस्तीफा देना ठीक नहीं है।

राहुल गांधी की वजह से अध्यादेश से पीछे हट गए लोग
मोंटेक सिंह लिखते हैं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस अध्यादेश पर उनका रुख देखकर अपना रुख बदलने लगे। मंत्रिमंडल में उन्होंने इसका समर्थन किया था लेकिन राहुल गांधी का मूड देखते हुए लोग पीछे हट गए।

क्या मनमोहन सिंह से चिढ़ते थे राहुल गांधी?
राहुल गांधी मनमोहन सिंह को अपना मेंटर मानते थे। उनके निधन पर राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने अपना मार्गदर्शक खो दिया है। राहुल गांधी और कांग्रेस के तमाम नेता, मनमोहन सिंह से किसी भी तरह के अनबन से इनकार करते हैं।

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