केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेता नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र और देश की सियासत पर वह कह दिया है, जो शायद, उनकी पार्टी के लोग नहीं कह पाते हैं। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र के नेता सक्षम है, मेरी जरूरत महाराष्ट्र को नहीं है, उन्हें जब मेरी जरूरत लगेगी तो मैं हमेशा उपलब्ध रहूंगा। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार और प्रशासन को धर्मनिरपेक्ष होन चाहिए।
नितिन गडकरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा है कि कांग्रेस, ग्रामीण भारत के विकास के बारे में गंभीरता से नहीं सोचती है। अगर पार्टी ने ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी होती तो किसान आत्महत्या नहीं करते और गांवों से गरीबी मिट जाती। इन सबसे इतर उन्होंने दलबदल की राजनीति पर जो कहा है, वह खुद बीजेपी के लिए आईना दिखाना वाला है।
'फसल बढ़ती है तो बीमारियां भी बढ़ती हैं'
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 'बीजेपी का विस्तार हो रहा है। जैसे-जैसे फसल बढ़ती है, उसके साथ बीमारियां भी बढ़ती हैं। बीजेपी के पास कई फसलें हैं, जो अच्छी पैदावार देती हैं लेकिन कुछ बीमारियां भी लाती हैं, हमें बीमार फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करना होगा।'
'भारत में गड्ढे भरने के लिए बॉस की जरूरत'
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि काम करने के लिए पारदर्शिता अनिवार्य है। कई बार हालात ऐसे होते हैं कि सड़कों के गड्ढे भरने के लिए बॉस के आदेश की जरूरत होती है। नितिन गडकरी ने वर्क कल्चर को लेकर भी कहा कि जब किसी काम को करने के लिए दबाव होता है तो अधिकारी फाइल ही आगे बढ़ा देते हैं।
'वंशवादी पार्टी है कांग्रेस'
नितिन गडकरी ने कहा है कि कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए संविधान में संशोधन किए, लेकिन बीजेपी इस दिशा में भी आगे बढ़े तो वे इमोशनल पिच पर खेलने लगते हैं। विदर्भ क्षेत्र के वर्धा जिले में नितिन गडकरी चुनाव प्रचार करने उतरे थे। नितिन गडकरी ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है, वहीं कांग्रेस वंशवाद की राजनीति करती है।
'इंदिरा के संशोधनों पर चुप क्यों कांग्रेस'
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देवली की एक जनसभा में कहा, 'वे भावनात्मक रूप से कहते हैं कि अगर बीजेपी को लोकसभा में 400 सीटें मिलती हैं, तो संविधान बदल दिया जाएगा। वे झूठ बोलते हैं। केवानंद भारती मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदला जा सकता है। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने संविधान में संशोधन किया था। न्होंने संविधान बदला और वे हमें दोषी ठहराते हैं। जनता पार्टी ने इसे ठीक किया। इंदिरा गांधी के कार्यकाल में संविधान में कितनी बार संशोधन किया गया? लेकिन कांग्रेस इस पर कुछ नहीं कहना चाहती।