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जेल में बंद अमृतपाल सिंह को सताया सांसदी जाने का डर, क्या है वजह?

जेल में रहते हुए ही लोकसभा चुनाव लड़ने और सांसद बनने वाले अमृतपाल सिंह को अब अपनी सांसदी जाने का डर सता रहा है। पढ़िए अमृतपाल ने हाई कोर्ट में की गई अपील में क्या कहा है।

Amritpal singh

अमृतपाल सिंह, File Photo Credit: PTI

पंजाब के खड़ूर साहिब से लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह फिलहाल डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने हाल ही में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका के माध्यम से मांग की है की उन्हें लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने की इजाजत दी जाए। सांसद ने तर्क दिया है कि लोकसभा के महासचिव द्वारा जारी समन के अनुपालन में उनकी उपस्थिति जरूरी है और कहा कि उनकी अनुपस्थिति उनके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने 60 दिन के नियम का हवाला देकर यह भी तर्क रखा है कि अगर वह सदन नहीं गए तो उनकी सदस्यता भी समाप्त हो सकती है। 

 

अमृतपाल सिंह ने याचिका के माध्यम से आरोप लगाते हुए कहा कि संसद की कार्यवाही में उपस्थित होने से जबरन रोका जा रहा है। याचिका में उन्होंने यह भी बताया कि इसका मकसद यह है कि उन्हें उनके कार्य क्षेत्र से वंचित किया जा सके। साथ ही उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि अनुच्छेद 101 के अनुसार, अगर कोई सांसद लगातार 60 दिनों तक संसद सत्र में अनुपस्थित रहता है तो ऐसे में उसकी संसद सदस्यता समाप्त हो जाती है। अमृतपाल फिलहाल जेल में हैं और वह सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाए हैं तो उन पर भी ऐसा ही खतरा मंडरा रहा है। 

 

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क्या कहता है अनुच्छेद 101?

संविधान के अनुच्छेद 101(4) के अनुसार, यदि कोई संसद सदस्य सदन की अनुमति के बिना 60 दिन तक की अवधि तक सदन के सभी अधिवेशनों में उपस्थित नहीं रहता तो वह सदन उसके स्थान को रिक्त घोषित कर सकता है। यानी किसी सांसद की सदस्यता समाप्त भी की जा सकती है। इसी तर्क के साथ अमृतपाल ने पंजाब और हरियाणा के हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।

 

सांसद ने दलील दी है कि वह 46 दिनों से लोकसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक करने की भी इजाजत मांगी है, ताकि वह अपने संसदीय क्षेत्र की समस्याओं और विकास के मुद्दों पर चर्चा कर सकें। उनका कहना है कि वह एक निर्वाचित सांसद हैं और इस नाते उन्हें अपने क्षेत्र के विकास के लिए सरकार के विभिन्न विभागों के साथ बातचीत करने का पूरा अधिकार है।

 

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अमृतपाल ने अपनी दलील में तमाम आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे जबरदस्ती कैद करके रखा गया है। यह मेरी अनुपस्थिति नहीं है बल्कि प्रशासन द्वारा जबरदस्ती उठाया गया कदम है।' अमृतपाल सिंह की इस याचिका पर सुनवाई कब होगी इसके बारे में आने वाले दो दिनों में फैसला होगा।

 

अमृतपाल सिंह पर कई मामले दर्ज हैं। अमृतपाल और उनके समर्थकों द्वारा अजनाला थाने पर किए गए बवाल का मामला भी इनमें शामिल हैं। इस बवाल में अपने साथी को छुड़ाने के लिए अमृतपाल और उनके साथियों ने थाने पर धावा बोल दिया था। इस मामले में उनके ऊपर देश के खिलाफ साजिश (NSA) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इस आरोप के लगने के बाद अमृतपाल सिंह फरार हो गया था। पूरे 36 दिनों की लुकाछिपी के बाद पुलिस ने उन्हें 23 अप्रैल 2023 को गिरफ्तार कर लिया था। तब से लेकर आजतक वह जेल अंदर ही है। उन्होंने जेल के अंदर से ही पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। चुनाव जितने के बाद शपथ ग्रहण के लिए उन्हें पुलिस कस्टडी बेल पर बाहर लाया गया था। शपथ ग्रहण के बाद दोबारा उन्हें डिब्रूगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया। तब से लेकर आज तक वह जेल से बाहर नही आए हैं।  

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