कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गाधी ने मंगलवार को दिल्ली में 10 जनपथ स्थित सोनिया गांधी के निवास पर संभल हिंसा में मारे गए चार युवकों के परिजनों से मुलाकात की। कांग्रेस नेता रिजवान कुरैशी, सचिन चौधरी और प्रदीप नरवाल युवकों के परिजनों को लेकर दिल्ली पहुंचे थे।
प्रदीप नरवाल ने बताया कि करीब डेढ़ घंटे तक उनकी बातचीत हुई। सभी परिवारों के 11 सदस्य वहां मौजूद थे और उन्होंने अपना दर्द राहुल गांधी के साथ बांटा।
नरवाल ने कहा, 'संभल में जो हुआ वह बिल्कुल गलत है। लोग कहते हैं कि मौतें हुई हैं लेकिन यह मौत नहीं बल्कि सरकार द्वारा हत्या है।'
वहीं सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद ने कहा, 'संभल हिंसा के पीड़ितों ने आज शाम दिल्ली में 10 जनपथ पर राहुल गांधी से मुलाकात की। पार्टी सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं। राहुल ने परिजन से कहा कि अगर उन्हें कोई परेशानी आती है तो वे हमेशा उनके साथ खड़े हैं।'
कुछ दिन पहले रोका गया था
इससे पहले 4 दिसंबर को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को संभल जाने से रोका गया था। प्रशासन ने धारा 163 लागू होने का हवाला देकर उन्हें रोक दिया था। राहुल और प्रियंका ने करीब 2 घंटे तक वहां इंतज़ार करने के बाद वापस दिल्ली लौट आए थे।
राहुल गांधी ने कहा था कि विपक्ष का नेता होने के नाते उन्हें संभल जाने का अधिकार है, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने कहा था कि प्रशासन से यह भी अपील की गई कि अगर सभी को जाने दिया जा सकता है तो वह अकेले भी जाने को तैयार हैं, लेकिन सुरक्षा के मद्देनज़र प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं हुआ।
इसी तरह से प्रशासन ने सपा के भी एक प्रतिनिधि मंडल को कानून-व्यवस्था का हवाला देकर रोक दिया था। सपा का प्रतिनिधिमंडल पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय की अध्यक्षता में संभल का दौरा करने वाला था।
क्या था मामला
संभल में जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने को लेकर एक याचिका डाली गई थी जिस पर कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था। 24 नवंबर को सर्वे के दौरान संभल में हिंसा भड़क उठी जिसमें गोली लगने से बिलाल, रूमान, अयान और कैफ की मौत हो गई थी।
याचिका दायर करने वालों में सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार, वकील पार्थ यादव और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह हरिहर मंदिर है जिसे बाबर ने तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया था।
क्या था याचिका में
हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को संभल जिला अदालत में एक याचिका लगाई थी जिसमें दो किताब और एक रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया गया था कि संभल की जामा मस्जिद दरअसल हरिहर मंदिर है। याचिका में बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक 150 साल पुरानी रिपोर्ट का हवाला दिया गया था।